
Yamuna River Pollution. Courtesy - Pexels.
Yamuna River Pollution – दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने बहुत आसानी से आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दे दी। बीजेपी अब राजधानी में सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। अभी विधायक दल ने अपने नेता यानी सीएम का चुनाव भी नहीं किया है, लेकिन बीजेपी के वादे के मुताबिक यमुना की सफाई का काम चालू हो गया है। (Yamuna River Pollution)
अत्याधुनिक मशीनों से शुरू हुई सफ़ाई
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गर्वनर यानी एलजी वीके सक्सेना ने यमुना की सफाई के लिए कई मशीनों और उपकरणों को काम पर लगा दिया है। मसलन ट्रैश स्किमर, वीड हारवेस्टर, ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट वगैरह। दिल्ली के लोगों के लिए यमुना के पानी में ऐसे उपकरणों को काम पर देखना एक अच्छा और नया तजुर्बा है।

सफाई के लिए रखा तीन सालों का लक्ष्य
यमुना की सफाई के लिए फिलहाल तीन सालों का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन दिल्ली एलजी ने फुर्ती दिखाते हुए काम शुरू कर दिया है। असल में हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने यमुना की सफाई के मुद्दे को बढ़ चढ़ कर उठाया था और ये बताने की कोशिश की थी कि पिछले दस सालों में यमुना की सफाई के मामले में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से फेल हो गई।
पीएम मोदी ने किया है रिवर फ्रंट बनाने का वादा
बीजेपी के लिए ये मुद्दा कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार ना सिर्फ इस वादे को दोहराया बल्कि ये भी कहा कि दूसरी जगहों की तर्ज पर दिल्ली में भी यमुना रिवर फ्रंट बनाया जाएगा। पीएम मोदी के उसी सपने को आगे बढ़ाते हुए अब दिल्ली के एलजी ने चार चरणों में सफाई का खाका खींचा है। इसी के तहत यमुना में अलग-अलग जगहों पर मशीनों को काम पर लगा दिया गया है।
चार चरणों में पूरी होगी नदी की सफाई
जिन चार बिंदुओं को ध्यान में रख कर यमुना की सफाई की जानी है, उनमें..
- -पानी से कूड़ा कचरा और गंदगी को बाहर निकालना
- -इसके अलावा वो नजफगढ़ नाला समेत दूसरे नालों की भी निगरानी करेंगे, जो यमुना को गंदा करते हैं
- -इसके अलावा वो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स पर भी नजर रखेंगे और उन्हें लगातार चेक किया जाएगा, उनकी रखरखाव सुनिश्चित की जाएगी
- -चौथे बिंदु में नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स तैयार करना, जिन्हें यमुना से दूर रखना समेत और भी कई बातें शामिल होंगी
दिल्ली के एलजी ने जो चार चरण में यमुना सफाई की तैयारी की है, उसमें ये सारी बातें शामिल हैं। इसके लिए फिलहाल तीन सालों का टारगेट तय किया गया है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस काम में आने वाले दिनों में कितना कामयाब साबित होती है।
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