
Who is IAS Rinku Singh Rahi. आज कल रिंकू सिंह राही चर्चे में हैं.
Who is IAS officer Rinku Singh Rahi : इन दिनों में अगर उत्तर प्रदेश में कोई नाम सबसे ज्यादा चर्चे में है, तो वो है यूपी के आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही (IAS officer Rinku Singh Rahi) का। असल में रिंकू सिंह अब तक शाहजहांपुर में एसडीएम के पद पर पोस्टेड थे। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा काम किया, जिसने उन्हें रातों-रात चर्चे में ला दिया। उन्होंने वकीलों के साथ हुए एक विवाद को सुलझाने के लिए सैकड़ों लोगों के सामने अपने कान पकड़ कर उठक-बैठक लगाने की शुरुआत कर दी। जिससे मौके पर खड़े सारे के सारे लोग सकते में आ गए।कहने की जरूरत नहीं है कि इससे उनके खिलाफ भड़का वकीलों का गुस्सा भी शांत हो गया। मगर, रिंकू सिंह को लेकर नई खबर ये है कि उनका ट्रांसफर शाहजहांपुर से राजधानी लखनऊ कर दिया गया है, जहां वो राजस्व परिषद में तैनात होंगे।
आखिर रिंकू सिंह कैसे बने आईएएस रिंकू सिंह राही? जानिए..
इस आर्टिकल में हम रिंकू सिंह के आईएएस बनने से लेकर उनके जीवन से जुड़े कुछ विवादों के बारे में जानेंगे। ये भी जानेंगे कि आखिर रिंकू सिंह को कब और किसने सात गोलियां मारी थीं और इतने भयानक हमले के बाद भी कैसे उनकी जिंदगी बच गई? लेकिन आइए सबसे पहले जानते हैं कि आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह की जिंदगी से जुड़ा सबसे ताजा मामला क्या है? आखिर उन्हें वकीलों के सामने क्यों कान पकड़ कर उठक-बैठक करनी पड़ी? आखिर इस सारे झमेले की शुरुआत कैसे हुई?
रिंकू सिंह ने खुले में यूरिनेट करते वकील से कराई उठक-बैठक
रिंकू सिंह राही ने हाल में पुवायां में एसडीएम की कुर्सी संभाली थी। मोर्चे पर आते ही उन्होंने अपने इलाके का एक राउंड लेना शुरू किया, ताकि चीजों को दुरुस्त किया जा सके। इसी क्रम में वे कोर्ट परिसर की तरफ भी पहुंचे। लेकिन यहां पहुंच कर उन्हें एक अजीब सा मंजर दिखा। यहां एक वकील कोर्ट परिसर के पास बने शौचालय के बाहर ही यूरिनेट करता हुआ नजर आया। इससे रिंकू सिंह बौखला गए और उन्होंने ना सिर्फ वकील साहब को तगड़ी डांट पिलाई बल्कि उन्हें पब्लिकली सबके सामने कान पकड़ कर उठक-बठक लगाने की सजा दे दी। आईएएस के चक्कर में फंसे वकील साहब भी क्या करते? लगे उठक-बैठक लगाने।
जब खुद उठक-बैठक कर रिंकू सिंह ने गुस्साए लोगों को दिखाया आईना
लेकिन ये बात वहां के वकीलों को नागवार गुजरी और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। गुस्साए वकील धरने पर बैठ गए और ये सवाल पूछने लगे कि क्या एसडीएम ऑफिस के आस-पास गंदगी नहीं है? बस, इसी पलटवार से झुंझलाए रिंकू सिंह राही ने कहा कि अगर ऐसा है, तो भी माफी मांगते हैं और लीजिए अपने दफ्तर के आस-पास गंदगी होने की जिम्मेदारी लेते हुए अब वो खुद भी उठक-बैठक करेंगे। ये कहते हुए रिंकू सिंह कान पकड़ कर सबके सामने उठक-बैठक लगाने लगे। एक आईएएस अधिकारी का ये रूप और उनका अचानक उठक-बैठक लगाने का ये फैसला देख कर सारे के सारे वकील हक्के-बक्के रह गए। कुछ वकीलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन रिंकू सिंह नहीं माने और आखिरकार उठक-बैठक लगा कर ही दम लिया। जिसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। कुछ लोग जहां इसे एक आईएएस ऑफिसर की सादगी बताने लगे, वहीं बहुत से लोगों ने इसे रिंकू सिंह के साथ वकीलों की ज्यादती करार दिया।
आखिर अचानक क्यों हो गया रिंकू सिंह का ट्रांसफर?
बहरहाल, अभी रिंकू सिंह के कान-पकड़ कर उठक-बैठक लगाने का ये मामला ठंडा पड़ता, इससे पहले ही उनसे जुड़ी दूसरी खबर आ गई और वो खबर है उनके ट्रांसफर की। उनका ट्रांसफर अब राजस्व परिषद में कर तो दिया गया है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि ये उनके उठक-बैठक वाले विवाद के चलते किया गया ट्रांसफर है या फिर एक रूटीन फैसला, जो सरकार अक्सर करती है। सोशल मीडिया के इस जमाने में अब उनके इस ट्रांसफर को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है।
बेहद सामान्य परिवार से आते हैं आईएएस रिंकू सिंह राही
अब बात रिंकू सिंह के आईएएस रिंकू सिंह राही बनने की। रिंकू सिंह 2022 बैच के ऑफिसर हैं। मूलरूप से अलीगढ़ के डोरी नगर के रहने वाले रिंकू सिंह दलित समाज से आते हैं और उनका परिवार भी काफी सामान्य है। उनके पिता कभी आटा चक्की चलाने का बिजनेस किया करते थे। लेकिन रिंकू सिंह शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे थे। जिसका फायदा उन्हें मिले। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने सरकारी स्कूल से की। लेकिन गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ने के बावजूद उनके नंबर इतने अच्छे आए कि उन्हें स्कॉलरशिप मिली और वो टाटा इंस्टीट्यूट में एडमिट हो गए। जहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री ली।
पढ़ाते-पढ़ाते आया आईएएस ऑफिसर बनने का ख्याल
सरकार ने उन्हें आईएएस-पीसीएस के लिए चलाए जाने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी दी थी। वो इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर होने के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाते भी थे और पढ़ाते-पढ़ाते उन्हें ख्याल आया कि क्यों ना वो खुद भी आईएएस के लिए ट्राई करें? इसके बाद उन्होंने यूपीएससी का इम्तेहान दिया और पास कर गए। पूरे भारत में उनका नंबर 683वां था। इसके बाद रिंकू सिंह आईएएस रिंकू सिंह राही बन गए।
घोटाले की पोल खोलने पर दुश्मन बने गए बेशुमार लोग
अब बात उन पर हुए जानलेवा हमले की। फायरिंग की। बात साल 2009 की है। रिंकू सिंह की पोस्टिंग उस दिनों मुजफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण विभाग में थी। अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि समाज कल्याण विभाग में बच्चों को स्कॉरशिप देने के नाम पर बंदरबांट और घोटाले का खेल चल रहा है। जिस पर रिंकू सिंह ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया और कहते हैं कि उन्होंने तकरीबन 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम के घोटाले का पता लगाया। उनके पास सबूत भी थे। लेकिन ऐसा करना उन पर तब भारी पड़ गया, जब कथित तौर पर इस घोटाले से जुड़े कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला किया।
रिंकू सिंह पर स्कॉलरशिप माफिया ने किया था जानलेवा हमला, मारी थी 7 गोलियां
मार्च महीने की किसी एक तारीख को रिंकू सिंह अपने घर के बाहर अपने किसी कलीग के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे। तभी अचानक दो शूटर वहां पहुंचे और उन्होंने रिंकू सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी। उन्हें सात गोलियां लगीं और उनकी हालत खराब हो गई। इस हमले में उनके चेहरे को भी दो गोलियों ने भेद दिया। जिससे उनकी एक आंख की रौशनी जाती रही, एक कान से सुनाई देना बंद हो गया, यहां तक कि चेहरा भी बिगड़ गया। लेकिन रिंकू ने हार नहीं मानी। उनका करीब एक महीने तक इलाज चलता रहा और फिर वो ठीक हो कर काम पर वापस लौट आए। हालांकि जब रिंकू सिंह पर ये हमला हुआ, तब वो आईएएस नहीं बने थे। उन दिनों वो पीसीएस ऑफिसर थे। उस हमले के मामले में चार लोगों को दस-दस जाल की जेल की सजा भी हुई।
जब आईएएस रिंकू सिंह को पागलखाने में डाल दिया गया..
रिंकू सिंह ने अपनी जिंदगी को लेकर दैनिक भास्कर से लंबी बातचीत की है। इस बातचीत में उन्होंने ये भी कहा है कि चूंकि वो अपना काम ईमानदारी से करते हैं, इसलिए उन्हें हमेशा से प्रताड़ित करने की कोशिश की जाती रही है। उन्होंने एक किस्सा साझा करते हुए बताया है कि उन्हें एक बार पागल तक साबित करने की कोशिश की गई और पागलखाने में डाल दिया गया था। अलग-अलग जगहों पर अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्हें अलग-अलग किस्म की चुनौतियों का सामना करना पड़ता रहा है।