
Uttarakhand News: शिक्षा के क्षेत्र में आए दिन बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के स्कूलों में रामायण और गीता पढ़ाई जाएगी।
रामायण और गीता पढ़ाने के फैसले से लोग खुश
उत्तराखंड के शिक्षा नीति में कुछ बदलाव किए जाएंगे जिसमें अब बच्चों को पढ़नी होगी गीता और रामायण। यह नियम लगभग 17 हजार सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा जहां अब छात्रों को रामायण और गीता पढ़नी होगी। साथ ही असेंबली में श्लोक का पाठ भी किया जाएगा। सुबह की प्रार्थना में भारतीय ग्रंथों के श्लोक का पाठ करना एक सकारात्मकता की ओर जाने का रास्ता देता है। उत्तराखंड सरकार का यह फैसला सभी के दिलों को छू रहा है।
एनसीईआरटी बनाएगी नया सिलेबस
इस बदलाव का काम एनसीईआरटी को सौंपा गया है। इस बदलाव को लेकर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ एक मीटिंग की जहां यह तय किया गया कि उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में रामायण और गीता को पढ़ाया जाएगा। सिलेबस में किए गए इस बदलाव की जिम्मेदारी एनसीईआरटी को दी गई है. यह नया सिलेबस उत्तराखंड के लगभग 17000 सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा. यह फैसला बच्चों और उनके अभिभावकों को काफी पसंद आ रहा है।
शिक्षा में कई बदलाव कर रही है उत्तराखंड सरकार
हाल ही में एनसीईआरटी द्वारा वीणा नाम की एक किताब निकाली गई जिसमें गंगा की कहानी बताई गई है, साथ ही बनारस वाराणसी जैसे शहरों का जिक्र करते हुए कुंभ के मेले को भी उसमें स्थान दिया गया है। कक्षा आठवीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में मुगलों के राज के बारे में बताया गया है और साथ ही यह भी बताया गया है कि जो इतिहास में हुआ उसके लिए आज किसी को दोषी न माना जाए।
संस्कृति से बढ़ेगा जुड़ाव
उत्तराखंड का यह बदलाव वहां के बच्चों और अभिभावकों को पसंद आ रहा है क्योंकि इसके जरिए वह बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़ पाएंगे अभी फिलहाल यह लागू नहीं किया गया है सिर्फ इसके बारे में बात की गई है बहुत जल्द इसे लागू भी किया जाएगा।
(पलक गुप्ता का इनपुट)