UP News : मौत के बाद भगवती के शव को लेकर वकार अली पहुंचा कब्रिस्तान, इसके बाद जो कुछ हुआ वो सोचा न था..

UP News : उत्तर प्रदेश के औरैया में वकार अली के साथ जीवन संगिनी की तरह रहने वाली एक महिला भगवती की मौत के बाद एक हैरान करने वाला विवाद खड़ा हो गया। 55 साल की भगवती पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। जिसके बाद उसने शनिवार को दम तोड़ दिया। लेकिन जब वकार उसके शव को लेकर मुसलमानों के कब्रिस्तान में पहुंचा तो उसे झटका लगा, क्योंकि कब्रिस्तान में भगवती के शव के कफ़न दफन की इजाजत नहीं मिली।

भगवती और वकार ने साथ साथ गुजारी जिंदगी 

असल में भगवती मानसिक रूप से थोड़ी असमान्य थी। वो करीब तीस साल पहले वकार को मिली और वकार ने उसे अपने साथ रख लिया। इसके बाद दोनों के जिंदगी की गाड़ी साथ साथ चल पड़ी। वो पति पत्नी की तरह रहते रहे। ना तो दोनों के साथ रहने में मजहब आड़े आया और न धर्म। लेकिन जब भगवती की मौत हुई और बात अंतिम संस्कार की आई, तो मामला पलट गया।

निकाह नहीं हुआ था तो कब्रिस्तान में जगह नहीं मिली 

चूंकि वकार खुद मुस्लिम है, तो वो अपने धर्म के मुताबिक भगवती के शव को लेकर मुसलमानों के कब्रिस्तान में पहुंचा। मगर वहां मौलाना ने ये कहते हुए भगवती की लाश को कब्रिस्तान में जगह देने से मना दिया कि चूंकि वकार ने भगवती से निकाह नहीं किया था, इसलिए भगवती को मुस्लिम नहीं माना जा सकता और गैर मुस्लिमों को मुस्लिमों के कब्रिस्तान में दफनाया नहीं जा सकता।

श्मशान घाट पहुंचने पर वकार को ये मिला जवाब 

अब वकार परेशान हो गया। वो भगवती के शव को लेकर दिबियापुर के शमशान घाट में पहुंचा और उसने वहां शव के अंतिम संस्कार की इजाजत मांगी। यहां हिन्दू समाज के लोगों मामले को समझ कर न सिर्फ वकार को भगवती के अंतिम संस्कार की इजाजत दी, बल्कि बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। इस तरह भगवती का सही सलामत अंतिम संस्कार पूरा हुआ।

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