
Tattoo Girl Murder – दिल्ली के अशोक विहार इलाके में बिलाल मस्जिद के पास 22 फरवरी की सुबह सुबह बोरी में बंद एक लड़की की लाश मिली। मरने वाली लड़की की उम्र करीब 25 साल रही होगी। लाश से भरी ये बोरी एक पब्लिक टॉयलेट के अंदर पड़ी थी। लोगों की नजर जब इस संदिग्ध बोरी पर पड़ी, तो लोगों ने पुलिस को खबर दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। बोरी में सिवाय लाश के और ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे मरने वाली लड़की की कोई पहचान हो पाती। पुलिस ने लाश का बारीकी से मुआयना किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। (Tattoo Girl Murder)
आखिर जिस्म पर बने 6 टैटू का रहस्य क्या था?
पुलिस इस सोच में थी कि आखिर लड़की की पहचान कैसे पता की जाए, ताकि मामले की जांच आगे बढ़ाई जा सके। इसी बीच पुलिस को ख्याल आया कि लड़की की लाश पर छह अलग-अलग टैटू बने हुए थे। आम तौर पर अपने शरीर में इतने टैटू लोग नहीं बनवाते। लिहाज़ा, पुलिस ने इन टैटू के सहारे की ये जानने की कोशिश की कि आखिर लड़की कौन है और कहां की रहने वाली है? पुलिस ने आस-पास के कुछ टैटू मेकर्स को लाश की तस्वीरें दिखाईं, अपने मुखबिरों से बात की और लड़की की डेड बॉडी की तस्वीरें अपने मुखबिरों के बीच सर्कुलेट की।
जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़ी थी मरने वाली लड़की
जल्द ही पुलिस की ये कोशिश कामयाब हो गई और मरने वाली लड़की का पता चल गया। लड़की का नाम नंदिता (बदला हुआ नाम) था। पुलिस को ये भी पता चला कि लड़की जिस्मफरोशी के कारोबार से जुड़ी हुई थी। अब पुलिस को लड़की का नाम और काम तो पता चल चुका था। लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर उसकी जान किसने ली? पुलिस लाश मिलने वाली जगह के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक करने लगी, ताकि लाश निपटाने वाले का पता चल सके। पुलिस को कम से कम सौ सीसीटीवी कैमरों की जांच करनी पड़ी।

टेक्निकल इनवेस्टिगेशन में मिले पुलिस को सुराग
पुलिस को बहुत क्लीयर सीसीटीवी फुटेज तो नहीं मिले, लेकिन कुछ ऐसे सुराग़ जरूर मिले, जिससे पुलिस को एक व्यक्ति का पता चला। इस आदमी का नाम था केशव प्रसाद। 50 साल का केशव पास ही मौजूद आजादपुरी सब्जी मंडी में काम किया करता था। तसल्ली के लिए पुलिस ने उसके 21 और 22 फरवरी की दरम्यानी रात को केशव के मोबाइल फोन की लोकेशन की जांच शुरू की। पुलिस ये देख कर चौंक गई कि केशव का मोबाइल फोन रात को उसी पब्लिक टॉयलेट के इर्द-गिर्द ही एक्टिव दिख रहा था।
लास्ट मोमेंट में पकड़ा गया खूंखार कातिल
अब बगैर देर किए पुलिस ने सीधे केशव प्रसाद को धर दबोचा। वो दिल्ली छोड़ कर भागने के फिराक में था। पुलिस को इस काम में 48 घंटे लगे। शुरू में तो केशव ने झूठी सच्ची कहानियां सुनाई, मगर फिर पुलिस की सख्ती के सामने टूट गया। उसने मान लिया कि उसी ने जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़ी लड़की का क़त्ल किया और लाश बोरी में भर कर ठिकाने लगा दी। लेकिन सवाल था आखिर क्यों? केशव ने इसका भी जवाब दिया।
जिस्मफरोशी के रुपयों को लेकर हुआ था झगड़ा
केशव 21 और 22 तारीख की रात को आजादपुर फ्लाईओवर से गुजर रहा था, तभी वहां किसी कस्टमर के इंतजार में खड़ी नंदिता से उसकी मुलाकात हो गई। केशव ने उससे बात की और अपने घर लेकर गया। केशव ने खुद ही अपने हाथों से डिनर बनाया और नंदिता के साथ मिलकर खाना खाया। लेकिन जब रिलेशन बनाने की बारी आई, तो नंदिता ने केशव से 10,000 रुपये की मांग कर डाली। केशव से सुन कर बौखला गया।
ऐसा हुआ कत्ल.. ऐसे निपटाई लाश
इसके बाद रुपये-पैसों के सवाल पर ही दोनों में झगड़ा शुरू हो गया और गुस्से में आकर केशव ने नंदिता का गला घोंट कर उसकी जान ले ली। अब केशव को पकड़े जाने का डर सताने लगा और उसने लाश को बोरी में भर कर किसी तरह से बिलाल मस्जिद के करीब ले जाकर उसे ठिकाने लगा दिया। इत्तेफाक देखिए कि ये मामला शायद पुलिस इतनी जल्दी नहीं सुलझा पाती, अगर लड़की के जिस्म पर वो छह अलग-अलग टैटू नहीं बने होते।
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