Supreme court vishnu statue remark: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गंवई की एक टिपण्णी रातों रात चर्चे में आ गई है। भगवान विष्णु की एक टूटी हुई प्रतिमा के पुनर्निर्माण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, “ये पूरी तरह पब्लिसिटी वाली याचिका है। जाओ और अपने भगवान से ही कुछ करने के लिए कहो। अगर तुम भगवान विष्णु के बड़े भक्त हो तो प्रार्थना करो और ध्यान करो।”
सोशल मीडिया में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर है प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर चीफ जस्टिस की इस टिपण्णी पर अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो सुप्रीम कोर्ट के इस कथन से नाखुश हैं।
असल में राकेश दलाल नाम के एक शख्स ने खजुराहो मंदिर में मौजूद भगवान विष्णु की एक टूटी हुई प्रतिमा को बदलने और उसकी नए सिरे से प्राण प्रतिष्ठा करने की मांग की थी। जिसे देख कर जज साहब उखड़ गए।
“वो एएसआई की जगह है, वहां कुछ करने की परमिशन नहीं”
आजतक ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की पीठ ने इस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। इस बीच जस्टिस गवई ने कहा कि वो एएसआई यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की साइट है और वहां एएसआई ऐसा कुछ करने की परमिशन नहीं देगा।
जस्टिस गवई ने और भी टिप्पणी की। कहा, “अगर आप शैव धर्म के विरोधी नहीं हैं, तो वहां मौजूद शिव लिंग पर जाकर पूजा कर सकते हैं। वो खजुराहो के बड़े शिवलिंगों में शामिल है।”
