Sunita Williams – हे प्रभु, ये क्या हुआ? उठना, बैठना, चलना, सोना सब भूल गया.. अंतरिक्ष में फंसी वैज्ञानिक का सच

Sunita Williams – क्या कोई ऐसा इंसान जिसके हाथ-पांव सही सलामत हों वो जीते जी चलना-फिरना, बैठना या सोना भूल सकता है? सवाल अजीब सा है। लेकिन इसका जवाब है कि अगर इंसान बहुत लंबे वक्त तक पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष में ही फंसा रह जाए, तो उसके साथ ऐसा हो भी सकता है। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) की कहानी कुछ ऐसी ही है। वो अंतरिक्ष में इतने लंबे समय से रह रही हैं कि अब गुरुत्वाकर्षण की कमी के चलते उनके चलने-फिरने, सोने और बैठने जैसी कई आदतें बिल्कुल ख़त्म हो चुकी हैं। ऐसे में कल को जब वो पृथ्वी पर वापस लौटेंगी तो इसका उनके जीवन पर क्या असर होगा, ये फिलहाल कह पाना मुश्किल है।

अंतरिक्ष में फंसे सुनीता को 238 दिनों से ज्यादा हुए

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) को अंतरिक्ष में गए हुए 238 दिन हो चुके हैं। इन हालात में उनकी कई ऐसी आदतें बिल्कुल छूट गई हैं, जो आम तौर पर धरती पर रहने वाले लोगों की होती हैं। ये खुलासा खुद सुनीता विलियम्स ने किया है। वो पिछले दिनों वीडियो कॉल पर एक स्कूल के बच्चों के साथ अंतरिक्ष से बातचीत कर रही थीं। इस दौरान बच्चों के पूछे गए एक सवाल के जवाब में सुनीता ने कहा कि वो ये याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है। सुनीता इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लंबे वक्त से फंसी हुई हैं। वो जिस अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष के सफर में निकली थी, उसमें कुछ तकनीकी खराबी आने की वजह से सुनीता को वहां रुकना पड़ा और ये समयावधि लगातार बढ़ती ही जा रही है। सुनीता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने ये नहीं सोचा था कि उन्हें अंतरिक्ष में इतने लंबे वक्त तक रुकना पड़ेगा।

सोना, उठना, बैठना, चलना सब भूल चुकी हैं सुनीता

धरती से इतने लंबे समय तक दूर रहने का असर उनकी जीवनशैली पर पड़ा है। वो लेटना, चलना, बैठना, सोना जैसी रोज़मर्रा की चीज़ें बिल्कुल भूल चुकी हैं। सुनीता ने बताया कि अंतरिक्ष की दुनिया  बिल्कुल अलग है। चूंकि वहां इन चीज़ों की जरूरत नहीं होती, तो इन चीज़ों को बिल्कुल भूल चुकी हैं। आराम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए खास कुछ करना नहीं होता। आप बस अपनी आंखें बंद कर लें और जहां हैं वही तैरते रहें। सुनीता नासा के एक और अंतरिक्ष वैज्ञानिक बुच बिल्मोर के साथ जब इस सफर पर गए थे, तो उन्हें बताया गया था कि ये सफर एक महीने का होगा। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। दोनों जून 2024 में इस सफर पर गए थे।

सुनीता और साथी को वापस लाने की चल रही है तैयारी

नासा ने जानकारी दी है कि अब दोनों का वापस लाने के लिए नया अंतरिक्ष यान तैयार किया जा रहा है। जिसकी मदद से दोनों को मार्च 2025 तक धरती पर वापस ले आया जाएगा। इसके लिए स्पेसएक्स और नासा मिल कर एक कैप्सुलनुमा विमान बनाने में जुटे हैं। सुनीता की स्टोरी से साफ है कि इंसान के शरीर के साथ-साथ दिलो-दिमाग पर भी धरती से लंबे समय तक दूर रहने का असर होता है। उम्र वगैरह के बढ़ने की रफ्तार पर भी इसका असर पड़ता है और ये असर नकारात्मक ही है।

 

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