Sunil Gupta On Tihar – जिस जेल पर कैदियों को सुधारने की बड़ी जिम्मेदारी है, जब वही जेल भ्रष्टाचार में गले तक डूबा रहे, तो हालत कैसी होगी? तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने एक इंटरव्यू में जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर ऐसा विस्फोटक खुलासा किया है कि जेल से जुड़े तमाम अफसरों से लेकर शासन-प्रशासन की धड़कनें बढ़ गई हैं। (Sunil Gupta On Tihar)
शुभांकर मिश्रा के पोडकास्ट में किया खुलासा
सुनील गुप्ता ने सहारा इंडिया के चीफ रहे सुब्रत राय सहारा के जेल में रहने के दौरान उसके पैसों की ताकत का जिक्र किया और बताया कि कैसे खुल कर उनके समय में जेल के नियम कानूनों को ताक पर रखा जाता था और उसे हर तरह की मुंहमांगी सुविधाएं दी जाती थी। सुनील गुप्ता यूट्यूबर शुभांकर मिश्रा के साथ एक पोडकास्ट में हिस्सा ले रहे थे।
रोज कई एयर होस्टेस मिलने आती थी सुब्रत राय से
गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने सुब्रत राय सहारा को जेल में प्राइवेट सेक्रेटरी रखने की छूट दी थी। लेकिन इस छूट की आड़ में उसे हर तरह की सुविधाएं मिली हुई थीं। रोज उससे मिलने जेल में कई एयर होस्टेस आती थीं, जो घंटों उसके उसके साथ बेरोक टोक समय गुजारती थी और फिर वापस चली जाती थी।
सुनील गुप्ता के साथ शुभांकर मिश्रा का पूरा पोडकास्ट देखें-
https://www.youtube.com/watch?v=tUKuVsubhp8
कोर्ट ने उसे जेल में ऑफिस खोलने की छूट दी थी
पूर्व जेलर ने ये भी खुलासा किया कि सुब्रत राय को असल में जेल में नहीं, बल्कि जेल में बने कोर्ट परिसर में रखा गया था। जहां उसे हर चीज हासिल थी। असल में सहारा ने कोर्ट से कहा था कि उसे लोगों से वसूले गए रुपये पैसों का हिसाब चुकता करने के लिए अपनी प्रॉपर्टी बेचनी होगी और इसके लिए उसे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अपने ग्राहकों से भी बात करनी होगी। कोर्ट ने उसे ऐसा करने की छूट दी थी।
सुब्रत राय के कमरे से शराब की बोतलें भी मिलीं
सुनील गुप्ता ने बताया कि उसके लिए जेल में मनचाहा खाना था, यहां तक कि शराब की बोतलें भी पहुंच जाती थी। उसने एक लेडी प्राइवेट सेक्रेटरी रखी थी और एयर होस्टेस तो खैर उसके पास आती ही थी। कुल मिलाकर.. वो जैसी चाहे वैसी जिंदगी जी रहा था। उन्होंने कहा कि इस करप्शन को लेकर उन्होंने तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल से शिकायत की थी। लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सच बोलने पर सुनील गुप्ता भी आए निशाने पर?
गुप्ता का कहना था कि ऐसे मसलों पर आवाज उठाने के बदले उन्हें उनके ही डिपार्टमेंट ने बुरी तरह से प्रताड़ित किया। रिटायरमेंट से ठीक पहले उनके खिलाफ आर्थिक घोटाले का इल्जाम लगा कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई।
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