Ranya Rao – 12 करोड़ का सोना.. दुबई ट्रिप.. और खास बेल्ट.. स्मगलिंग में ऐसे फंसी DGP की हीरोइन बेटी

Ranya Rao – कभी कभी आपके मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर इंसान को एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए कितना पैसा चाहिए? जाहिर है आप अपने हिसाब से इस सवाल का जवाब भी सोचते होंगे। लेकिन कुछ लोगों को देख कर लगता है कि शायद पैसा जितना भी हो, वो कम ही पड़ता है। वरना आखिर क्यों पहले से लाखों करोड़ों में खेलने वाले लोग भी जुर्म के रास्ते पर चल पड़ते हैं? ये मामला कुछ ऐसा ही है।

रान्या राव के पास मिला 12 करोड़ से ज्यादा का सोना

डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के इल्जाम में कन्नड़ फिल्मों की मशहूर हीरोइन और कर्नाटक के एक आईपीएस यानी डीजीपी की बेटी रान्या राव (Ranya Rao) को गिरफ्तार किया है। जी हां, आपने सही सुना डीजीपी की बेटी को। और ना सिर्फ गिरफ्तार किया है, बल्कि उसके पास से तस्करी कर लाई जा रही करीब 15 किलो सोने की खेप बरामद की है। जिसकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये से भी ज्यादा होगी।

DRI ने कैसे अंजाम दिया पूरा ऑपरेशन?

लेकिन आखिर डीआरआई ने इस हीरोइन को सोने की तस्करी के जुर्म में कैसे पकड़ लिया? उसके बारे में एजेंसीज को खुफिया जानकारी कैसे मिली? आज सारी कहानी डिटेल में जानिए। रान्या राव पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ गल्फ कंट्रीज़ की ट्रिप लगा रही थी। वो दुबई समेत दूसरे देशों में जाती और फिर चंद दिनों में वापस लौट आती। उसकी विजिट की फ्रिक्वेंसी बस इसी से समझ लीजिए कि इस साल के इन दो महीनों में ही उसने 10 बार दुबई का चक्कर लगा लिया था।

ऐसे हुआ DRI को रान्या राव पर शक

ऐसे में डीआरआई को उस पर शक होने लगा। ऊपर से कुछ बातें और ऐसी थीं, जिसने डीआरआई को सोचने पर मजबूर कर दिया। रान्या जितनी बार बेंगलुरु एयरपोर्ट पर दुबई से लैंड करती, एक प्रोटोकॉल ऑफिसर रान्या को रिसीव करने आ जाता। जो बगैर चेकिंग के रान्या को एयरपोर्ट से बाहर निकाल लेता और फिर सरकारी गाड़ी में बिठा कर घर तक ड्रॉप कर देता। अब जिसके पिता खुद डीजीपी हो, उसके लिए नियम कानूनों को ताक पर रख कर एक प्रोटोकॉल ऑफिसर को एयरपोर्ट पर बुला लेना कौन सी बड़ी बात है?

चार बार से एक ही ड्रेस पहन रही थी रान्या

ऊपर से डीआरआई ने नोटिस किया कि रान्या राव पिछले चार बार से एक ही ड्रेस पहन कर दुबई से इंडिया लौट रही है। ये सारी बातें बेहद संदिग्ध थीं। जिसके बाद डीआरआई ने रान्या राव की तलाशी लेने का फैसला किया। 4 मार्च की रात को वो जैसे ही दुबई की फ्लाइट से बेंगलुरु में उतरी, उसे तलाशी और पूछताछ के लिए ले जाया गया। जिसके बाद उसके पास से पुलिस को करीब 15 किलो सोना मिला। इनमें 800 ग्राम सोने के जेवर तो रान्या ने खुद पहन रखा था।

तस्करी के लिए बनवाई थी खास बेल्ट

इसके अलावा 14 किलो सोने के बिस्किट्स उसने अपने शरीर में एक बेल्ट के सहारे बांध कर छुपा रखा था। पकड़े जाने के बाद रान्याने ढेरों कहानियां सुनाईं। लेकिन पुलिस ने रान्या को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। एक अनुमान के मुताबिक रान्या राव जितना सोना लेकर इस बार बेंगलुरु आई थी, उसकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये से भी ज्यादा होगी। डीआरआई सूत्रों ने बताया है कि उसने तस्करी के लिए ही खास तौर पर एक बेल्ट बनवाई थी और ड्रेस भी।

DGP पिता ने खुद मामले से अलग किया

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि इस बारे में जब उनके डीजीपी पिता रामचंद्र राव से पूछा गया तो उन्होंने खुद को इस मामले से अलग कर लिया। राव का कहना था कि उनकी बेटी की चार महीने पहले शादी हुई है और वो अपने पति के साथ ही रहती है। ऐसे में वो भला इस पर क्या कह सकते हैं? लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि आखिर रान्या राव को एयरपोर्ट पर रिसीव करने वाला प्रोटोकॉल ऑफिसर कौन है और किसके कहने पर एयरपोर्ट आता है, जो अब तक तस्करी में रान्या राव की मदद कर रहा था। जाहिर है डीआरआई को इस सवाल का जवाब भी ढूंढना होगा।

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