
Ranchi News: आप अपने घर में आराम से रोजमर्रा के काम निपटा रहे हों और अचानक आपकी नजर घर के कमरे में मौजूद एक बाघ पर पड़े तो आपकी हालत क्या होगी? रांची के सिल्ली इलाके के गांव मारदू के रहने वाले पुरेंद्र महतो की हालत तब कुछ ऐसी ही हुई, जब उसे अपने घर के एक कमरे में एक विशालकाय बाघ नजर आया। गनीमत ये थी कि तब उस कमरे में कोई नहीं था। महतो परिवार ने किसी तरह दरवाजा बंद कर दिया और जान बचाई।

ऐसे हुआ एक बाघ का खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन
इसके बाद पुलिस और वन विभाग के लोगों को खबर दी गई और तब शुरू हुआ एक रॉयल बंगाल तैगरंक रेस्क्यू ऑपरेशन। आखिर वन विभाग की टीम ने बाघ को बेहोश करके उसे कमरे से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल कर ली। ये चार साल का एक मेल टाइगर है। जल्द ही इस बाघ की पहचान भी हो गई। इसका नाम है किला। असल में पहली बार पलामू के किला इलाके में ही इस बाघ को स्पॉट किया गया था, जिसके बाद उसका नाम किला रखा गया।
800 किलोमीटर घूम कर पलामू पहुंचा बाघ
फिलहाल किला नाम के इस बाघ को एक बार पलामू टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में छोड़ दिया गया है। किला की ट्रैकिंग से ये साफ हुआ है कि उसने मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकल कर करीब 800 किलोमीटर का सफर किया है। इस बाघ के रूट में हजारीबाग, चतरा, गुमला से लेकर पश्चिम बंगाल का पुरुलिया तक शामिल है। कुल मिलाकर इस बाघ को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़े जाने के इस प्रोसेस को एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।