
Plane Crash News: 12 जून को हुए अहमदाबाद विमान हादसे की कहानी शायद ही कोई भूल सकता है, जब एयर इंडिया का एक विशालकाय प्लेन टेक ऑफ करने के बाद एकाएक नीचे आ गया और हादसे का शिकार हो गया। तब हादसे से पहले फ्लाइट के पायलट ने मे-डे कॉल दी थी। मे-डे यानी अल्टीमेट इमर्जेंसी।
एयर इंडिया के हादसे के बाद एक और भयानक इमर्जेंसी
अब इस घटना के ठीक 7 दिन बाद इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट के पायलट ने इमरजेंसी कॉल यानी मे-डे कॉल दी थी। हालांकि ये फ्लाइट एयर इंडिया के फ्लाइट की तरह बदकिस्मत नहीं रही और मे-डे कॉल के बावजूद फ्लाइट सफलतापूर्वक नीचे उतर आई। फिलहाल इस फ्लाइट के पायलट को ड्यूटी से हटा दिया गया है।
आखिर इंडिगो एयरलाइंस के पायलट को क्यों देनी पड़ी मे–डे कॉल?
अब सवाल ये है कि आखिर 19 जून को इंडिगो एयरलाइंस की उस फ्लाइट के साथ ऐसा क्या हुआ था कि उसे भी एयर इंडिया की फ्लाइट की तरह मे-डे कॉल देनी पड़ी? तो इस सवाल का जवाब काफी डरावना है। 19 जून को ये फ्लाइट पैसेंजर्स को लेकर गुवाहाटी से चेन्नई की उड़ान पर थी। लेकिन थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर पायलट ने देखा कि प्लेन में ईंधन काफी कम है और इतने ईंधन के साथ चेन्नई तक उड़ पाना संभव नहीं है।
मे–डे कॉल के बाद ऐसे बाल बाल बची यात्रियों की जान
अब चूंकि बीच आसमान में ईंधन खत्म हो जाने का मतलब एक्सीडेंट ही हो सकता था, तो पायलट ने मे-डे कॉल दी, जिसके बाद फ्लाइट के तुरंत बेंगलुरु में उतरने का इंतजाम किया गया और इस तरह सभी यात्रियों की जान बची।
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मामले की उच्च स्तरीय जांच के दिए गए आदेश
अब सवाल ये है कि आखिर पायलट ने गुवाहाटी से टेक ऑफ करते समय ही ये क्यों नहीं देखा कि प्लेन में ईंधन कम है? क्या उससे कोई गलती हुई या फिर ईंधन के टैंक से जुड़ी किसी तकनीकी खराबी के चलते उन्हें बीच रास्ते में इसका अहसास हुआ? फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। लेकिन 19 जून को दिए गए इस मे-डे कॉल ने एक बार फिर लोगों की सांसें अटका दी थी, इसमें कोई दो राय नहीं है।
एयर इंडिया के 3 अधिकारियों को ड्यूटी से हटाया गया
उधर, एयर इंडिया के प्लेन के मे-डे कॉल का खौफ अब भी लोगों के दिलों दिमाग में चल रहा है। इस बीच DGCA ने अपनी जांच के दौरान एयर इंडिया के पायलट्स के शेड्यूलिंग का काम करने वाली टीम के अधिकारियों को नियम कानूनों के उल्लंघन का दोषी पाया है और उन्हें हटाने का आदेश दिया है। जिसके बाद इन अधिकारियों को हटा दिया गया है।