
PCS Jyoti Maurya Case: आपको ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का वो केस तो याद होगा, जिसमें कुछ समय पहले सफाई कर्मी का काम करने वाले आलोक मौर्य ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ज्योति मौर्य को उसने पढ़ा लिखा कर पीसीएस अधिकारी बनाया और अब वो उससे पीछा छुड़ाना चाहती है।
ज्योति आलोक तलाक केस में नया मोड़
अब दोनों के बीच चल रहे इस वैवाहिक विवाद में एक अजीबोगरीब मोड़ आ गया है। अब तक तलाक के मामलों में आम तौर पर महिलाओं को ही अपने पति से एलिमनी मांगते हुए देखा गया है। लेकिन अब आलोक ने अपनी पत्नी ज्योति से ही अपने लिए एलिमनी की मांग कर दी है।
आलोक ने हाइकोर्ट में एलिमनी की अर्जी दी
आलोक ने इसके लिए बाकायदा इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी लगा कर फैमिली कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आलोक के एलिमनी की मांग को फैमिली कोर्ट ठुकरा चुका है।
पति के गुजारा भत्ता मांगने पर क्या कहता है कानून?
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे मामलों में हमारा कानून क्या कहता है? क्या पति को अपनी कामकाजी पत्नी से गुजारा भत्ता लेने का हक है? या फिर गुजारा भत्ता देने की ये बात सिर्फ पतियों पर ही लागू होती है?
हिंदू मैरिज एक्ट की बारीकी जानिए
असल में ज्योति ने आलोक से तलाक की अर्जी दे रखी है, जो अभी प्रयागराज के फैमिली कोर्ट में लंबित है। लेकिन फैमिली कोर्ट ने हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 24 के तहत ज्योति से जिस गुजारा भत्ते की मांग की थी, उसे फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया है। तो अगर कानून की बात करें तो कोई पुरुष भी तलाक के वक्त हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 24 के मुताबिक अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांग सकता है। शर्त बस यही है कि वो आर्थिक रूप से कमजोर हो और अपने लिए खर्चे ना निकाल सकता हो।
आलोक ने अपनी अर्जी में क्या कहा?
आलोक ने अपनी अर्जी में बताया है कि वो सामान्य सी नौकरी करता है। कई बीमारियों से पीड़ित है। जबकि ज्योति प्रशासनिक अधिकारी है। ऐसे में उसे गुजारा भत्ता पाने का हक है। उसकी इस अर्जी पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में 8 अगस्त को सुनवाई की तारीख रखी गई है।