PCB Loss : इसे कहते हैं गरीबी में आटा गीला। कहां तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद थी को वो चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन करेगा, दुनिया में शोहरत मिलेगी, पीसीबी के खाते में करोड़ों रुपये आएंगे… और कहां चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी कर उसे लगभग 740 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। लेकिन आखिर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को ये झटका कैसे लगा? उससे क्या गलती हुई? आइए आज इस हिसाब किताब को समझने की कोशिश करते हैं। (PCB Loss)
PCB Loss – पहले ही राउंड में बाहर होना भी एक बड़ा झटका
आपको पता है कि इस बार चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान और दुबई दोनों देशों में हाईब्रिड मॉडल पर खेली गई, क्योंकि भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से पहले ही मना कर दिया था। इसलिए भारत के सेमीफाइनल और फाइनल के साथ-साथ बाकी सारे मैच भी दुबई में ही हुए। उधर, पाकिस्तान का प्रदर्शन इतना थका हुआ रहा कि वो पहले ही राउंड में न्यूजीलैंड और भारत से पिट कर ट्रॉफी से बाहर हो गई और तीसरा मैच बारिश की वजह से उसके बांग्लादेश के साथ खेलने का मौका ही नहीं मिला।
PCB Loss – आखिर कैसे हुआ इतना बड़ा घाटा? समझिए..
अब आइए बात पीसीबी यानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्लानिंग की कमी और हिसाब-किताब की करते हैं। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम को दुरुस्त करने में 100 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए। जबकि यहां सिर्फ एक ही डोमेस्टिक मैच हुआ। न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच। पाकिस्तान ने अपने स्टेडियम ठीक करने के लिए 18 बिलियन पाकिस्तानी रुपये खर्च किए। यानी करीब 58 मिलियन डॉलर। भारत के हिसाब से 505 करोड़ रुपये।
पीसीबी के घाटे पर ये खबर देखें-
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चले थे मेजबानी करने गंवा दिए 740 करोड़ रुपये
इसके अलावा करीब 40 मिलियन डॉलर यानी लगभग 347 करोड़ रुपये और भी खर्च हुए। बदले में पाकिस्तान को मेजबानी के लिए 6 मिलियन डॉलर के आस-पास, कुछ इश्तेहारों का पैसा और टिकट की बिक्री की रकम मिली। इस तरह से ये रकम 52 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा हुआ। जबकि पाकिस्तान ने इसके मुकाबले खर्च बहुत ज्यादा किया। यानी उसे इस चैंपियंस ट्रॉफी से करीब 85 मिलियन डॉलर यानी करीब 740 करोड़ रुपये का लॉस हो गया।
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