
Patna paras hospital case: पटना के पारस अस्पताल में मारे गए गैंगस्टर चंदन मिश्रा के कत्ल के मामले में पुलिस ने मेन शूटर तौसीफ बादशाह समेत कुल पांच शूटर्स को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस मामले की जांच फिलहाल उलझ गई है। सबसे पहले आइए चर्चा करते हैं, उन दो पहलुओं की, जिसने जांच को उलझा दिया है।
कौन है निशु खान.. जिसके घर रची गई साजिश..
पहला पहलू तो ये है कि पुलिस ने निशु खान नाम के एक क्रिमिनल को इस सिलसिले में अरेस्ट किया है, जिसे तौसीफ का रिश्तेदार बताया जाता है। पुलिस का कहना है कि चंदन मिश्रा को शूटआउट में मारने की पूरी साजिश इसी निशु के घर में रची गई थी। जबकि निशु का कहना है कि ना तो उसके घर में कोई साजिश रची गई और ना ही उसे इसके कांड के बारे में कोई खबर है। ऐसे में निशु खान आखिर इस केस में पुलिस की रडार पर कैसे आ गया, यही लाख टके का सवाल है। हो सकता है कि निशु इस मामले पर झूठ ही बोल रहा हो, लेकिन तब पुलिस को अपनी बात साबित करने के लिए उसके खिलाफ सबूत पेश करने होंगे।
सीधे कमरा नंबर 209 तक कैसे पहुंच गए सारे शूटर?
केस का दूसरा उलझाने वाला पहलू है शूटरों को इस वारदात को अंजाम देने के लिए सीधे पारस अस्पताल के अंदर एंटर कर जाना। जिस तरह से तौसीफ बादशाह समेत पांच शूटर बड़े आराम से अस्पताल के अंदर दाखिल हो गए और कमरा नंबर 209 के अंदर जा कर चंदन मिश्रा को निशाना बना कर भाग निकले, वो शक पैदा करता है कि शूटरों के साथ इस मामले में किसी की मिलीभगत तो नहीं है? पटना पुलिस फिलहाल इस एंगल को भी एक्सप्लोर कर रही है। पटना सेंट्रल की एसपी दीक्षा ने बताया कि पुलिस किसी की मिलीभगत वाले एंगल से भी मामले की छानबीन कर रही है।
ऐसे हुई तौसीफ बादशाह और उसके गुर्गों की गिरफ्तारी
गुरुवार को हुई शूटआउट की इस वारदात के बाद पुलिस ने सभी के सभी छह शूटर्स की पहचान कर ली थी। क्योंकि किसी ने भी अपना चेहरा नहीं ढंका था। इसके बाद से पुलिस उनकी तलाश में थी। मोबाइल फोन सर्विलांस और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक फुट प्रिंट के सहारे पुलिस ने उनकी लोकेशन का पता लगा लिया और पश्चिम बंगाल में छापेमारी कर तौसीफ समेत कुल 4 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस केस में अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी होनी है। शूटआउट की सुपारी कभी चंदन मिश्रा के दोस्त रहे शेरू सिंह ने निकाली थी और काम तौसीफ को सौंपा था।