
Pak Terror Camps: एक तरफ सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद पाकिस्तान ने दुनिया भर में रोना पिटना मचा रखा है, वहीं वो फिर से उन आतंकी कैंप और लॉन्च पैड की ठीक करने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मटियामेट कर दिया था।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ये चौंकाने वाली खबर दी है। इसी के साथ वो कहावत एक बार फिर से सही साबित हुई है – चोर चोरी से जाए, मगर हेराफेरी से ना जाए।
फौज और आईएसआई कर रही है आतंकियों की मदद
पाकिस्तान में आतंकियों को मदद पहुंचाने और उन्हें फिर से बढ़ावा देने की ये खबर प्रमुख वेबसाइट आजतक ने प्रकाशित की है। अपनी रिपोर्ट में आजतक ने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि बाकायदा पाकिस्तानी फौज और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी संगठनों के साथ मिल कर काम करती हुई वहां के आतंकी ढांचे को सुधारने की कोशिश कर रही है।
उनका ज्यादा जोर पाक अधिकृत कश्मीर की तरफ ही है। जाहिर है ये सब इसीलिए हो रहा है, ताकि यहां से भारत को अशांत करने के लिए फिर से आतंकियों की खेप भेज सके। पाक फौज और आईएसआई इसके लिए आतंकी संगठनों को रुपए पैसे से भी मदद कर रही है।
पीओके में 13 और बॉर्डर के पास 4 कैंप्स
पाकिस्तान इस बार पीओके में छोटे छोटे और अत्याधुनिक आतंकी कैंप बनाना चाहता है जिससे उन्हें इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाए। पीओके में अब तक 13 ऐसे लॉन्चिंग पैड की पहचान हो चुकी है।
इस बार पाकिस्तान का जोर इस बात पर ज्यादा है कि उसके ये कैंप सर्विलांस उपकरणों के सामने नजर ना आएं। इसी तरह इंटरनेशनल बॉर्डर के पास भी चार आतंकी कैंप बनाए जाने की खबर है।
टेरर मीटिंग के बाद लिया बड़ा फैसला
पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने बहावलपुर समेत कई जगहों पर जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों के नुमाइंदों के साथ मीटिंग की है।
उसका लक्ष्य है कि आतंकियों को छोटे छोटे ग्रुप में रखा जाए। एक जगह जमावड़ा न हो, जिससे हमला होने पर नुकसान कम से कम हो। कुल मिलाकर, ये कोई हैरान करने वाली बात तो नहीं है। लेकिन पाकिस्तान की फितरत को बेनकाब जरूर करती है।
(प्रतीकात्मक तस्वीर)