
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के मिसाइल अटैक से पाकिस्तान बुरी तरह कांप उठा था। जब भारत ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर एक के बाद ब्रह्मोस मिसाइल दागे, तो पाकिस्तान को समझ ही नहीं आया कि ये परमाणु मिसाइल है या फिर नहीं? इसके बाद पाकिस्तानी सेना के पास सिर्फ से 30 से 45 सेकेंड का समय था कि वो ये पता करती कि आखिर जिस मिसाइल से हमला हो रहा है वो कैसी है?
राणा सनाउल्लाह का कबूलनामा आया सामने
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने अब जाकर के कुछ ऐसी ही बातें कही हैं। भारत के शौर्य की ये गाथा किसी पाकिस्तानी नेता के मुंह से सुनना अपने आप में सीना चौड़ा कर देने वाली एक बात है।
“ट्रंप बीच में नहीं आते तो बात बिगड़ जाती”
राणा ने कहा कि नूर खान एयरबेस पर हमले ने पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम को हिला दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप बीच में नहीं आते तो हालात बिगड़ सकते थे। उन्होंने बीच बचाव कर दो परमाणु ताकतों को और आगे बढ़ने से रोक दिया। वरना हालात कुछ भी हो सकते थे। राणा ने कहा कि इसलिए पाकिस्तान के पीएम ने उनके लिए नोबल शांति पुरस्कार की वकालत की।
सोशल मीडिया पर राणा सनाउल्लाह का कबूलनामा सुनें –
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पाक डीजीएमओ ने मांगी थी दुहाई
आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैए को देखते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया था। उसके कई एयरबेस भारत के निशाने पर थे। ऐसे में पाकिस्तान ने ही ट्रंप को फोन कर सीज फायर की पेशकश की थी। आखिर पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर त्राहिमाम संदेश दिया, तब जाकर सीज फायर पर बात बनी।