Diwali GST Cut. जब से पीएम मोदी ने जीएसटी दरों में कटौती की बात कही है, बाजार उत्साहित है.
New GST rules 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को “GST 2.0” सुधार की घोषणा की, जिसमें खाने पीने की चीजें और कपड़े जैसे उपभोक्ता उत्पादों को 5% GST स्लैब में लाने पर विचार किया जा रहा है। इस फैसले के फलस्वरूप कई जरूरत की चीजें सस्ती हो सकती हैं। मसलन ब्रैंडेड मिठाई, पैकेट में आने वाली तमाम खाने पीने की चीजें और रोजमर्रा की कई दूसरी वस्तुएं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसलों पर लगेगी मुहर
GST परिषद 3 और 4 सितंबर को बैठक में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों पर विचार करेगी। इस प्रस्ताव के तहत 12% और 28% स्लैब को हटाकर केवल दो मुख्य दरें—5% और 18%—रखने का सुझाव है। इसके साथ ही, लक्ज़री और “सिन वस्तुओं” (जैसे तंबाकू व शराब) के लिए एक विशेष 40% स्लैब बनाए जाने की संभावना है।
कपड़ों और खाद्य उत्पादों की लागत में राहत की उम्मीद
ब्रांडेड मिठाई, पैकेट में मिलने वाली खाने पीने की वस्तुएं, कपड़े वगैरह के सस्ते होने की उम्मीद है। असल में इन चीजों पर लगने वाले वर्तमान GST दरों को 5% पर लाने से इन वस्तुओं की कीमतों में तेजी से कमी अपेक्षित है। इससे त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं की खरीदारी में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
घर बनाना भी होगा आसान, कंस्ट्रक्शन और सर्विस के क्षेत्र में भी मिलेगी राहत
सीमेंट की मौजूदा 28% GST दर को घटाकर 18% करने की योजना है, जिससे निर्माण लागत में कमी आएगी और रियल एस्टेट क्षेत्र को लाभ होगा। साथ ही, सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसी सेवाओं की GST दरों में भी कटौती की मंशा है, ताकि ये सुविधाएं अधिक सुलभ हो सकें।
बीमा पॉलिसियों में राहत की योजना बना रही है सरकार
सरकार यह भी सोच रही है कि व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर GST को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए। इसके लागू होने से बीमा की पहुंच बढ़ सकती है और लाभार्थी वर्ग की वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी। यह व्यापक GST सुधार सरकार के राजस्व में एक अनुमानित कमी ला सकता है।
हालांकि, अध्ययन बताते हैं कि इससे खरीद शक्ति बढ़ेगी और मांग में इजाफा होगा, जो अंततः टैक्स संग्रह में योगदान देगा। अर्थशास्त्री इन सुधारों को मुद्रास्फीति नियंत्रण, GDP बढ़ोतरी और आर्थिक स्थिरता की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं।
आम आदमी को दिवाली तक ‘बड़ा तोहफा’ देने की तैयारी
अगर इन प्रस्तावों को GST परिषद द्वारा अपनाया जाता है, तो त्योहारों—दिवाली और दशहरा—तक आम जनता को करों में राहत मिल सकती है। इस प्रयास से उपभोक्ता विश्वास, कारोबार में सुधार और आर्थिक गतिविधियों को सहायता मिलने की संभावना है।
