New Financial Year – कल यानी 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। इस साल बजट में सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। कई चीजों की कीमतें कम हुई हैं, तो कई की बढ़ी भी हैं। ऐसे में नए वित्तीय वर्ष से कई बदलाव भी होने वाले हैं, जिसका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। तो आइए मोटे तौर पर जान लेते हैं कि वो कौन-कौन से बदलाव हैं, जो 1 अप्रैल से देखने को मिल सकते हैं और इसका क्या असर होने वाला है। (New Financial Year)
- गैस सिलिंडर
वैसे तो तेल और गैस कंपनियां हर महीने ही अपनी कीमतों में कुछ न कुछ बदलाव करती हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से घरेलू गैस की कीमतों में ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को नहीं मिला। लेकिन ये समझा जाता है कि नए वित्तीय वर्ष में ऐसा देखने को मिल सकता है। अच्छी बात ये है कि ये बदलाव सकारात्मक होने की उम्मीद है। यानी 14 किलोग्राम वाले गैस सिलिंडर की कीमत अब पहले मुकाबले कम हो सकती है।
- यूपीआई आईडी
सरकार ने काफी समय से डिएक्टिव यूपीआई नंबरों को बंद करने का फैसला किया है। सरकार असल में वैसे यूपीआई नंबरों को चिह्नित कर रही हैं, जो मोबाइल नंबरों से जुड़े हुए हैं, लेकिन जिनका इस्तेमाल लंबे समय से नहीं हुआ है। ऐसे में अब उन यूपीआई नंबरों को बंद किया जा सकता है।
- सीएनजी-पीएनजी की कीमतें
नए वित्तीय वर्ष में सीएनजी और पीएनजी जैसे गैसेज की कीमतों में भी तब्दीली की उम्मीद है। हालांकि ये क्लियर नहीं है कि इस बार कंपनियां कीमतें बढ़ा सकती हैं या फिर राहत दे सकती है। लेकिन इतना तय है कि फैसला जो भी हो, उसका असर सीधे कम्यूटर्स यानी सफर करने वालों पर भी पड़ेगा। अगर कीमतें बढ़ीं तो सफर महंगा, वरना सस्ता।
- यूपीएस का आरंभ
नए वित्तीय वर्ष (New Financial Year) में यूपीएस की शुरुआत हो जाएगी। यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम। केंद्रीय कर्मचारी अगर ये स्कीम लेना चाहें, तो वो इसके लिए अलग से फॉर्म भर सकते हैं। इसका लाख 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर पड़ेगा। जो कर्मचारी यूपीएस नहीं लेना चाहें, वो एनपीएस यानी दूसरे विकल्प को भी चुन सकते हैं। यूपीएस में दस साल की सर्विस पूरी होने पर कम से कम 10 हजार रुपये के मासिक पेंशन की गारंटी है। इसके अलावा दूसरे फायदे भी हैं। हालांकि एनपीएस की अपनी अलग सुविधाएं हैं। इस तरह केंद्रीय कर्मचारियों के पास अब दो विकल्प होंगे।
- टैक्स डिडक्शन में चेंज
आपको याद होगा सरकार ने मिडिल क्लास को इस बार टैक्स डिडक्शन में कई तरह की छूट देने का वादा किया था। अब वो घड़ी आ गई है, जबसे ये नियम लागू होंगे। इसके तहत साल भर में 12 लाख रुपये कमाने वाले लोगों को टैक्स में छूट दी जाएगी। दूसरे वेतनभोगी लोग 75000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आएंगे। इसका मतलब 12 लाख 75 लाख रुपये तक की कमाई पर अब टैक्स से छूट मिल सकती है। बशर्ते के लिए आप नया टैक्स रेजिम सेलेक्ट करें।
- टीडीएस के नियमों में बदलाव
नए साल (New Financial Year) से टीडीएस के नियमों में भी तब्दीली होगी। अब 6 लाख रुपये सालाना किराये की कमाई पर टीडीएस में छूट दी गई है। इसका मतलब ये हुआ कि मकान मालिकों को राहत मिलेगी और किराये का काम भी बढ़ेगा। सीनियर सिटिजंस की इनटरेस्ट वाली कमाई पर भी टीडीएस की सीमा दुगनी कर दी जाएगी। इससे बुजुर्गों को राहत मिलेगी। अब ये लिमिट 1 लाख रुपये की होगी।
- बैंक खाते के नियम भी बदलेंगे
नए साल से एसबीआई और पीएनबी समेत कई बैंक खाते के मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियम भी बदल देंगे। ये बदलाव सेक्टर के आधार होंगे और इसी के आधार पर इसकी सीमा भी तय होगी। अब अगर मिमिमम बैलेंस की लिमिट से कम रुपये खाते में रहे, तो फिर जुर्माना लगेगा।
- टोल टैक्स में होगी बढ़ोत्तरी
हाईवे पर गाड़ी दौड़ाना अब मंहगा साबित हो सकता है। आधी रात से टोल टैक्स की दरें बदल सकती हैं। हल्के वाहन के लिए 5 रुपये, जबकि भारी वाहनों के लिए 20 से 25 रुपये ज्यादा टोल टैक्स देना पड़ सकता है।
समाज में अपने इर्द-गिर्द जो कुछ हो रहा है वो भी जानें-
https://newschronicles.in/muslims-and-navratri-5924-2/
इसके अलावा कुछ डेबिट या कार्ड संबंधी नियमों में भी नए वित्तीय वर्ष (New Financial Year) से बदलाव हो सकते हैं। ये बैंक और कार्ड कंपनियों की ओर से किए जाने वाले बदलाव होंगे।
JOBS – यूपी में नॉन टीचिंग स्टाफ की नौकरी, सैलरी 29 हज़ार से 2 लाख तक, मौका हाथ से जाने न दें