Nepal youth protest reason: नेपाल में हाल के सालों का सबसे बड़ा घमासान मचा है। प्रधानमंत्री से लेकर तमाम हुक्मरानों को अपनी अपनी कुर्सियों से हटना पड़ा है, संसद भवन से लेकर फाइव स्टार होटल तक धू धू कर जल रहे हैं। करीब 20 से ज्यादा लोगों की हिंसा में जान जा चुकी है।
आखिर क्यों नहीं थम रहा नौजवानों का विद्रोह?
काठमांडू से लेकर कई ठिकानों पर नौजवानों (Gen Z) का कब्जा है और इसी अफरातफरी के बीच सरकार ने सोशल मीडिया पर लगा वो बैन भी हटा लिया है, जिसकी आग से नेपाल इस वक्त झुलस रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर 24 घंटे से ज्यादा गुजरने के बावजूद नौजवानों का ये विद्रोह थम क्यों नहीं रहा है?
सोशल मीडिया बैन से आगे कई वजहें और भी हैं
तो आइए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं। असल में नौजवानों का ये विरोध सिर्फ सोशल मीडिया पर हैं के खिलाफ नहीं था, बल्कि जेन–जी (Gen Z) का प्रतिवाद वहां फैले भ्रष्टाचार और नेपोटिज्म यानी भाई भतीजावाद के खिलाफ भी था। ऐसे में उनका गुस्सा अब भी उन नेताओं पर फूट रहा है, वो जिन्हें देश की इस हालत के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
जानिए क्या है प्रदर्शनकारी नौजवानों की मांग
प्रदर्शनकारी नौजवानों की मांग है कि अब काठमांडू के मेयर बालेन शाह को देश का नया पीएम बना देना चाहिए। जबकि संसद को भंग कर नेपाल में नए सिरे से चुनाव होने चाहिए। ताकि देश की दशा दिशा तय हो सके।
अब जब देश के नौजवान बालेन शाह की ओर उम्मीद से देखते हैं, तो उनका भी फर्ज बनता है कि वो इस आंदोलन में शामिल नौजवानों को सही रास्ता दिखाएं। तो अब शाह ने लड़कों से आंदोलन को रोकने की अपील की है। लेकिन धधकते नेपाल का गुस्सा कब थमेगा, ये अभी बताना मुश्किल है।
