Nepal interim prime minister oath: नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। इसी के साथ नेपाल में Gen Z का आंदोलन भी अब खत्म हो चुका है और जिंदगी फिर से गुलजार होने लगी है। कर्फ्यू हटा दिया गया है। लोगों को उम्मीद है कि कार्की के नेतृत्व में अब नेपाल जल्दी ही तरक्की के रास्ते पर चल पड़ेगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ नए कानून की मांग
नेपाल में आंदोलन भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ। ऐसे में लोगों को नई सरकार से भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था मिलने की उम्मीद है। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ नया कानून बनाने की मांग भी करने लगे हैं।
हिंसा में अब तक गई 51 लोगों की जान
लेकिन Gen Z के इस आंदोलन ने नेपाल को जख्म दिए हैं, वो शायद ही कभी भर पाएंगे। अब तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक नेपाल के इस आंदोलन में कुल 51 लोगों की जाने गई हैं। जिनमें 21 आंदोलनकारी, 18 आम लोग, 9 कैदी और 3 पुलिसवाले शामिल हैं।
चंद दिनों में हो गया अरबों रुपए का घाटा
इसके अलावा नेपाल को जो अरबों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है, वो अलग है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तोड़ फोड़ और आगजनी से अकेले नेपाल की होटल इंडस्ट्री को करीब 25 हजार रुपए (नेपाली) का नुकसान हुआ है। बाकी नुकसान अलग है। नेपाल एक पर्यटन प्रधान देश है। इस आंदोलन से इस उद्योग को जो झटका लगा है, उससे उबरने में अभी टाइम लगेगा।
नेपाल के जख्म भरने में अभी टाइम लगेगा
उधर, पुलिस अब आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वालों की धर पकड़ में जुटी है। वीडियो फुटेज और सीसीटीवी के सहारे दंगाइयों के चेहरे पहचाने जा रहे हैं। कैदियों की तलाश चालू हो चुकी है। नेपाली पीएम रहे केपी शर्मा ओली समेत कई नेता आर्मी के सेफ हाउस में हैं। कहने की जरूरत नहीं कि नेपाल में नई जिंदगी करवट ले रही है। लेकिन इसे पूरी तरह गुलजार होने में अभी टाइम लगेगा।
