
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर बाइपास पर एक ढाबा चल रहा था- पंडित जी वैष्णो ढाबा। और इसे चलाने वाले लोग थे सनव्वर, आदिल, जुबैर और बाकी लोग। लेकिन मुस्लिम हो कर पंडित जी वैष्णो ढाबा के नाम से दुकान चलाने के लिए पीछे आखिर इनकी मंशा क्या थी? फिलहाल इसी सवाल को लेकर बवाल हो गया है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस सिलसिले में सनव्वर, आदिल और जुबैर समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
पहचान पता करने के लिए पैंट उतार दी?
उधर, कुछ लोगों पर ढाबा मालिकों से उनकी पहचान जानने के लिए उनकी पैंट उतारे जाने का अजीबोगरीब इल्जाम है। जिसकी जांच चल रही है। असल में कांवड़ यात्रा को देखते हुए उन सभी दुकानदारों से अपना नाम पता सार्वजनिक करने को कहा गया है, जिनकी दुकानें कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ती हैं। लेकिन पंडित जी वैष्णो ढाबा के नाम से चल रहे इस दुकान के मालिक ने अपना नाम-पता गोपनीय रखा हुआ था।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर फर्जी नाम से ढाबा क्यों?
इस बीच स्वामी यशवीर महाराज की अगुवाई में कुछ लोगों ने ग्रुप ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर ऐसे दुकानों की पहचान का काम चालू किया जो फर्जी नाम पते से अपना धंधा चला रहे थे। इल्जाम है कि इसी कड़ी में यशवीर महाराज के लोगों ने पंडित जी वैष्णो ढाबा पहुंच कर कुछ लोगों की पैंट उतार कर उनकी पहचान जानने की कोशिश की। जबकि सच्चाई यही थी कि ये ढाबा एक मुस्लिम परिवार चला रहा था।
हालांकि ढाबे का मैनेजर हिंदू था, जिसने यशवीर महाराज की टीम को ये बता दिया कि ढाबे का मालिक मुस्लिम है। मैनेजर धर्मेंद्र ने अब इल्जाम लगाया है कि ढाबे के मालिकों के बारे में सच बोलने पर ढाबा मालिकों ने उसके साथ मारपीट की है। कुल मिलाकर फिलहाल इस मामले में तीन अलग-अलग इल्जाम है, जिसकी जांच चल रही है।
- पहला इल्जाम– मुस्लिम हो कर भी हिंदू नाम से छुप कर ढाबा चलाना
- दूसरा इल्जाम– ढाबा मालिक की सच्चाई बताने पर हिंदू मैनेजर के साथ मारपीट करना
- तीसरा इल्जाम– ढाबा हिंदू का है या मुस्लिम का ये पता करने के लिए ढाबा वालों की पैंट उतारना
जाहिर है, तीनों इल्जाम अपने-आप में संदेवनशील हैं। इसलिए पुलिस पर अब दूध का दूध पानी का पानी करने की जिम्मेदारी है। ढाबा संचालकों को केस दर्ज हो चुका है, जबकि यशवीर महाराज के लोगों को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। न्यू मंडी थाने के एसओ दिनेश चंद्र ने कहा है कि इस मामले में गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, सपा सांसद एसटी हसन और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने इस मामले पर सराकर को घेरा है। दोनों नेताओं ने इसके लिए बीजेपी और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।