अगस्त 2022 में उसकी क्षत-विक्षत लाश मिली
पुलिस ने उसे लावारिस समझ कर जला दिया
लाश की तस्वीरें देख कर घरवालों ने पहचान की
हत्या के आरोप में चार लोग गिरफ्तार किए गए
फिर मरने वाले के पाकिस्तान में होने का पता चला
Murder Mystery – बात है साल 2022 की। यूपी के बागपत जिले में एक गांव है- चमरावल। इसी चमरावल के रहने वाले गौरव त्यागी ने डेयरी का काम शुरू किया था। देखते ही देखते काम अच्छा चल निकला। ठीक-ठाक कमाई होने लगी। त्यागी को अब एक कर्मचारी की जरूरत थी और उसने अपने दोस्त बिट्टू से इसका जिक्र किया। बिट्टू गाजियाबाद के नेकपुर गांव में रहने वाले एक नौजवान तेजबीर को जानता था। उसने तेजबीर को डेयरी में काम करने का ऑफर दिया और तेजबीर तैयार हो गया। वो चमरावल पहुंचा और काम में जुट गया। (Murder Mystery)
मोबाइल और 7 हजार लेकर गायब हुआ तेजबीर
हफ्ते भर तक सबकुछ ठीक चला, लेकिन 5 अगस्त 2022 को वो अचानक डेयरी से गायब हो गया। और तो और जाते जाते वो डेयरी मालिक गौरव त्यागी का मोबाइल फोन और 7 हजार रुपये भी चुरा कर ले गया। त्यागी ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने की कोशिश की, लेकिन बागपत पुलिस ने उसे बगैर रिपोर्ट लिखे थाने से ही चलता कर दिया।
जब गाजियाबाद के डिडौली में मिली एक लाश
लेकिन कहानी में तब सबसे अफसोसनाक मोड़ आया, जब करीब हफ्ते भर बाद 12 अगस्त 2022 को गाजियाबाद के ही एक और गांव डिडौली में एक नौजवान की लाश मिली। लाश पर चोट के निशान थे और चेहरा बुरी तरह खराब हो चुका था। मामला हत्या का था। पुलिस ने लाश बरामद करने के बाद पहले उसका पोस्टमार्टम करवाया, लेकिन जब कई दिनों के इंतजार के बाद भी लाश का कोई दावेदार नहीं मिला, उसे लावारिस लाश मानते हुए पुलिस ने लाश का अंतिम संस्कार कर दिया।
पिता ने कहा- वो लाश उनके बेटे तेजबीर की थी
उधर, जब तेजबीर के घर वालों को डिडौली में एक लावारिस लाश मिलने की बात पता चली, तो तेजबीर के पिता तेजपाल ने डिडौली पुलिस से संपर्क किया। वैसे तो पुलिस लाश का अंतिम संस्कार कर चुकी थी। लेकिन लाश की कुछ तस्वीरें और खास कर तस्वीरों में लाश पर मौजूद कपड़ों से तेजपाल ने उसकी पहचान अपने बेटे तेजबीर की लाश के तौर पर कर ली। इसके साथ ही तेजपाल ने डेयरी मालिक गौरव त्यागी, उसके दोस्त बिट्टू समेत कुल चार लोगों के खिलाफ अपने बेटे की हत्या के जुर्म में एफआईआर दर्ज करवा दी।

तेजबीर की हत्या के इल्जाम में चार लोग जेल चले गए
पुलिस ने भी आनन-फानन में गौरव त्यागी समेत चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि गौरव समेत तमाम आरोपी चीख-चीख कर तेजबीर की हत्या करने की बात से इनकार कर रहे थे। उनका कहना था कि उनकी तो तेजबीर से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। वो क्यों उसकी जान लेंगे? लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। चारों को जेल गए जब करीब साल भर हो गए, तो इस बीच एक रोज़ उन्हें जेल में ही खबर मिली कि तेजबीर अब भारत से बाहर पाकिस्तान जा चुका है और वहां की लाहौर जेल में बंद है।
आरटीआई से पता चला तेजबीर का सच
ये एक अजीब बात थी। चारों ने घरवालों की मदद से तेजबीर का सच जानने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में आरटीआई भी लगाई। और सच्चाई देखिए आरटीआई में भी क्लीयर हो गया कि भारत के 33 कैदियों की सूची में एक नाम यूपी के तेजबीर का भी है। लेकिन दिक्कत ये थी कि गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए इस आरटीआई के जवाब में ना तो कहीं तेजबीर के मूल पते का जिक्र था और ना ही उसके पिता के नाम का। ऐसे में ये बात साबित होना मुश्किल था कि पाकिस्तान की जेल में जो तेजबीर बंद है, वो गाजियाबाद का तेजबीर ही है। उधर, अलग-अलग वजहों से सभी आरोपियों की जमानत की अर्जियां लगातार खारिज होती जा रही थी और उन्हें जेल गए हुए समय भी गुजरता जा रहा था।
डीएनए से पता चला लावारिस लाश तेजबीर की नहीं थी
इस बीच पुलिस ने उस लावारिस लाश से जुड़े कुछ सैंपल सुरक्षित रखे थे, जिन्हें तेजबीर के पिता तेजपाल से डीएनए का मिलान करवाने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब्रोटरी में भिजवाया गया। और इत्तेफाक देखिए कि इस फ़ॉरेंसिक जांच में भी लाश के तेजबीर की लाश होने की बात गलत साबित हुई। डीएनए सैंपल तेजपाल से मैच ही नहीं हुआ।

करीब दो साल बाद जाकर आरोपियों को मिली जमानत
इस तरह उस लावारिस लाश के तेजबीर की लाश होने की बात दो-दो बार झूठी साबित हुई। ऐसे में इस केस में जेल में बंद गौरव त्यागी समेत चार लोगों को अब तक जमानत मिल जानी चाहिए थी। लेकिन अलग-अलग वजहों से फिर भी जमानत नहीं मिली। इस तरह से करीब दो साल गुजरने के बावजूद जब पुलिस ने लिए लाश की पहचान ही साबित करना मुश्किल होने लगा, तब जाकर एक-एक कर सभी आरोपियों को जेल से जमानत पर छोड़ा गया।
सचमुच पाकिस्तान की जेल में बंद है तेजबीर
लेकिन इस कहानी का असली ट्विस्ट अभी बाकी था। जेल गए लोगों के घरवालों ने अब फिर से आरटीआई के जरिए तेजबीर के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की। और जानते हैं, इस बार आरटीआई में क्या पता चला? पता चला कि लाहौर की जेल में बंद यूपी का तेजबीर नाम का वो आदमी दरअसल गाजियाबाद के नेकपुर का तेजबीर ही है। क्योंकि इस बार आरटीआई के जवाब में सरकार ने ना सिर्फ उसके घर का पता, बल्कि उसके पिता का नाम तेजपाल भी साफ-साफ लिखा था।
वो अनसुलझे सवाल.. जिनका जवाब किसी के पास नहीं
यानी तेजबीर का कत्ल नहीं हुआ। 5 अगस्त 2022 को डेयरी से गायब हुआ तेजबीर पाकिस्तान पहुंच चुका था और वहां गिरफ्तार कर लिया गया। मतलब तेजबीर के जिंदा होने की बात तो अब साबित हो चुकी है। लेकिन सवाल ये है कि तेजबीर के कत्ल के इल्जाम में जिन चार लोगों को करीब दो साल जेल में गुजारने पड़े, जिनका कारोबार, सामाजिक प्रतिष्ठा, मान-इज्जत सब मिट्टी में मिल गया, उसकी भरपाई अब कौन करेगा?
और सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर बागपत के चमरावल गांव से गायब होने वाला तेजबीर सीधे यूपी से पाकिस्तान कैसे पहुंच गया और कैसे वहां उसकी गिरफ्तारी हो गई? सवाल ये भी है कि अगर तेजबीर सचमुच जिंदा है, तो फिर वो लाश किसकी थी, जिसे तेजबीर का बताया गया? फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं।