Mumbai rain news August 2025. मुंबई की बारिश ने लोगों को सोच में डाल दिया है. (एआई जेनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर)
Mumbai rain news August 2025 : मुंबई ने 18-19 अगस्त 2025 की दरम्यानी रात वह मंजर देखा, जिसे शायद बरसों तक भुलाया नहीं जा सकेगा। लगातार हो रही बारिश के चलते 24 घंटों के भीतर शहर में रिकॉर्ड बारिश हुई। करीब 300 मिमी से भी ज्यादा। जिससे सड़कों पर पानी का समंदर बह निकला और मुंबई भी मानों रुक सी गई। बीएमसी के मुताबिक 16 से 19 अगस्त तक पंपिंग स्टेशनों के जरिए करीब 1,645 करोड़ लीटर पानी निकाला गया—जो तुलसी झील की क्षमता का भी दोगुना है!
रेल, सड़क, मोनोरेल: हर सफर मुश्किल
मूसलधार बारिश के कारण मुंबई की ‘लाइफलाइन’ मानी जाने वाली लोकल ट्रेनें रेंगने लगीं या रुकी रहीं। रेल की पटरियां 17 इंच तक पानी में डूब गईं—इस वजह से सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी से कुर्ला तक सर्विस पूरी तरह बंद कर दी। हवाई यातायात पर भी असर पड़ा; 24 फ्लाइट्स को डाइवर्ट और दर्जनों को रद्द/लेट किया गया। मोनोरेल में 442 से ज्यादा यात्री लगभग तीन घंटे तक फंसे रहे, जिन्हें क्रेन और फायर ब्रिगेड की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
निचले इलाकों का बुरा हाल, NDRF सतर्क
कुर्ला, चुनाभट्टी, वडाला, वसई समेत तमाम निचले इलाकों में पानी इतना भर गया कि लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर गए। प्रशासन ने 400-500 से ज़्यादा लोगों को रेस्क्यू किया। मीठी नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया।
स्कूल, कॉलेज, कोर्ट और ऑफिस में छुट्टी
मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया, जिसके बाद बीएमसी ने सरकारी, अर्ध-सरकारी दफ्तर, स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला किया। आम अदालतों का कामकाज भी दोपहर तक सीमित रहा। प्राइवेट कंपनियों को घर से काम करने की सलाह दी गई।
क्यों बरसी इतनी बारिश?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अरब सागर से आ रही तेज़ नमी, ओडिशा-छत्तीसगढ़ के ऊपर बने डिप्रेशन और मानसूनी सिस्टम की वजह से मुंबई और आसपास के इलाकों में इतनी भारी बारिश हुई। केवल अगस्त माह में ही मुंबई ने पांच साल का बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
किसानों और ग्रामीण इलाकों पर असर
नांदेड़, बीड, हिंगोली जैसे ज़िलों में तेज़ बारिश और बाढ़ से हजारों हेक्टेयर फसल डूब गई। मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी-पानी के बीच कई लोगों की जान भी गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक, महाराष्ट्र में 12-14 लाख एकड़ फसल डूब चुकी है, जिससे किसानों के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।
मुंबई: उम्मीद और जज्बे का शहर
मुंबईवासियों ने एक बार फिर दिखाया कि संकट में भी उम्मीद बरकरार रहती है। बच्चों का पानी में खेलना, लोगों का एक-दूसरे की मदद करना, सोशल मीडिया पर वायरल होते राहत कार्य—यहां की जिंदादिली को सलाम करना बनता है!
