
MP News. एमपी के किसान संत कुमार को 19 बार सांप के काटने से 19 बार मरा बताया गया.
MP News – क्या ऐसा भी कभी हो सकता है कि किसी आदमी को एक-एक करके 19 बार सांप काट ले और 19 बार ही उसकी मौत भी हो जाए और इसके बावजूद वो जिंदा भी रह जाए? आप सोच रहे होंगे कि ऐसा तो फिक्शन फिल्मों में भी नहीं होता। सचमुच की जिंदगी में भला कैसे हो सकता है? लेकिन अजब एमपी के सिवनी जिले में सरकारी कर्मचारियों ने दलालों के साथ मिलकर एक ऐसा गजब घोटाला किया है, जिसमें घोटालेबाज़ों ने सरकारी रुपये हजम करने के लिए ऐसी ही हैरान करने वाली कहानी गढ़ ली है।
MP News – जब भले चंगे किसान को पता चली अपनी मौत की बात
पूरे वाकये को ठीक से समझने के लिए आपको सबसे पहले एक केस स्टडी समझनी चाहिए। जिले के मलारी गांव के रहने वाले 70 साल के एक किसान संत कुमार बघेल को एकाएक एक दिन किसी से पता चला कि सांप से काटने से उनकी मौत होने की बात कह कर किसी ने उनके नाम से लाखों रुपये हड़प लिए हैं। जबकि संत कुमार को पूरी जिंदगी में कभी किसी सांप ने नहीं काटा। उनके गांव में भी अब तक सिर्फ 2 ही लोगों को सांप काटे जाने के मामले सामने आए हैं।
MP News – सरकार की योजनाओं को बाबुओं ने ऐसे लगा दिया पलीता
असल में मध्य प्रदेश यानी एमपी की सरकार किसानों की मदद के लिए बिजली गिरने, पानी में डूबने या सांप के काटने से मरने वाले लोगों को घरवालों को मुआवजे के तौर पर 4 लाख रुपये देती है। बस.. घोटालेबाज सरकारी अफसरों को सरकार की इसी योजना में अवसर नजर आया और उन्होंने कागजों पर लोगों को मरा हुआ दिखा कर रुपये हड़पने की शुरुआत कर दी। अब तक हुई छानबीन में पता चला है कि घोटालेबाजों ने करीब 50 लोगों को 280 बार मरा हुआ दिखाया और उनके नाम पर रुपये हड़प लिए।
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सिवनी की इस हैरान करने वाली खबर को टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी कवर किया है. रिपोर्ट देखें-
https://timesofindia.indiatimes.com/etimes/
MP News – करीब साढ़े 11 करोड़ रुपये की घोटालेबाजी का दावा
किसान संत कुमार को ही कागजों पर 19 बार सांप के काटने से मरा हुआ दिखाया गया और उन्हीं के नाम पर 76 लाख रुपये निकाले गए। एक अनुमान के मुबाकि सिवनी जिले के केवराली तहसील में हुआ ये घोटाला करीब साढ़े 11 करोड़ रुपये का है। फिलहाल कुछ क्लर्क, एसडीएम, तहसीलदार समेत कई सरकारी अधिकारियों मुलाजिमों की भूमिका को शक के घेरे में रखा गया है। एक क्लर्क को तो गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया है। अभी जांच चल रही है कि मामला सिर्फ एक तहसील तक ही सीमित है या फिर पूरे एमपी में ऐसे केसेज हैं?
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