Mock Drill – पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद तनातनी के माहौल में बुधवार 7 मई को गृह मंत्रालय ने पूरे देश में मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है। इस मॉक ड्रिल के तहत किसी भी आपात स्थिति में खास कर युद्ध की हालत में लोग अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करते हैं, इसका अभ्यास करना होगा। लेकिन आखिर ये मॉक ड्रिल कैसे होगी, कहां होगी, कौन करेगा, कौन गाइड करेगा.. ऐसे तमाम सवाल सारे लोगों के जेहन में हैं। तो आइए फिलहाल इस रिपोर्ट में उन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं। (Mock Drill)
Mock Drill के लिए पूरे देश में 300 जगहों को चुना गया है
गृह मंत्रालय ने बुधवार को होने वाली मॉक ड्रिल के लिए पूरे देश में कुल 300 स्थानों का चयन किया है। जहां ये अभ्यास किया जाना है। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर इस मॉक ड्रिल के तहत क्या क्या होगा।
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एयर रेड सायरन–
इसे आप बोलचाल की भाषा में खतरे की घंटी कह सकते हैं। ये एक खास किस्म का सायरन होता है, जिसे बजाकर पूरे शहर को या फिर किसी खास इलाके के लोगों को संभावित हवाई हमले को लेकर आगाह किया जाता है। ये सायरन भी अलग-अलग तरीके से बजाए जाते हैं। यदि सायरन जल्दी-जल्दी और बार-बार बज रहे हैं, बार-बार उसका टोन चेंज हो रहा हो, तो समझिए कि सायरन किसी हवाई हमले से सावधान करने के लिए है।
जबकि अगर सायरन एक बार बजता हो और पूरा बज कर थम जाता हो, ये माना जाता है कि फिलहाल हवाई हमले का खतरा टल चुका है। मॉक ड्रिल में सायरन को सुनने समझने के साथ-साथ उसके मुताबिक एक्ट करने का भी अवसर होगा।

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पब्लिक ट्रेनिंग–
अब सवाल ये है कि सायरन बजने पर करना क्या है? तो जवाब है कि सायरन बजने पर जो जहां कहीं भी हो, उसे खुली जगह से हटने की कोशिश करनी है और खुद को किसी भूमिगत शेल्टर या फिर बंकर में छुपाने की कोशिश करनी है। हमारे देश में इतने बंकर नहीं हैं। ऐसे में मेट्रो ट्रेन के अंडरग्राउंड टलन, बड़ी पार्किंग या ऐसे किसी अंडरग्राउंड जगहों पर छुपने की कोशिश की जा सकती है। इसके अलावा अगर बच्चे स्कूल हैं या लोग कहीं दफ्तर में हैं, तो उन्होंने जरूरत के मुताबिक जमीन पर लेटने, सिर पर हाथ रखने या फिर बेंच या टेबल के नीचे छुपने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
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कैमोफ्लेज प्रैक्टिस–
ये असल में उन खास इमारतों के लिए है, जिन्हें दुश्मन के फाइटर जेट्स या फिर उसके मिसाइल टार्गेट कर सकते हैं। कैमोफ्लेज मतलब होता है किसी चीज को छुपाना। अब सवाल ये है कि बड़ी और अहम इमारतों को छुपाया कैसे जाए? तो जवाब है, उसका रंग बदल कर, उसके ऊपर खास किस्म का कपड़े या तिरपाल डाल कर, जाली लगा कर या फिर पेड़-पत्ती और टहनियों से ढंक कर उस बिल्डिंग को कुछ ऐसा बनाने की कोशिश की जाए कि बिल्डिंग की पहचान कर पाना ही मुमकिन ना हो। ये काम मूल रूप से शासन-प्रशासन को ही करना है।

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ब्लैक आउट–
जैसा कि नाम से ही साफ है, इसका मतलब है कि पूरी तरह काला करना या स्याह होना। ब्लैक आउट की एक्सरसाइज आम तौर पर रात के लिए ही होती है। क्योंकि सूरज की रौशनी में ब्लैक आउट मुमकिन नहीं है। तो रात को अगर ब्लैक आउट का सायरन बजे या इसके लिए आगाह किया जाए, तो फिर पूरे शहर की बिजली, मोमबती, मोबाइल सबकुछ बंद कर पूरे शहर को अंधेरे में डुबा देने की कोशिश करनी है, ताकि आसमान से शहर को देख पाना ही मुमकिन ना हो। चारों ओर अंधेरा हो और दुश्मन के हवाई जहाज या मिसाइल किसी भी ठिकाने को टार्गेट ही न कर पाएं।
मॉक ड्रिल को लेकर ऑल इंडिया रेडियो की खबर देखें-
https://www.newsonair.gov.in/states-gear-up
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इवैकुएशन प्लान यानी निकासी व्यवस्था —
किसी भी आपात स्थिति में उस जगह से सुरक्षित निकल भागना भी एक बड़ी चुनौती होती है। 7 मई को होने वाली ड्रिल में इसका भी अभ्यास किया जाना है। मसलन अगर किसी जगह पर हमला हो गया, किसी इमारत का कोई हिस्सा डैमेज हो गया, तो वहां से बाकी लोग कैसे सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच सकते हैं। बीमार और घायल लोगों की कैसे मदद की जा सकती है, ये सारा अभ्यास इवैकुशन प्लान के तहत किया जाना है। इस ड्रिल में लोगों को अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने आस-पास मौजूद वैसे लोगों की भी मदद करनी है, जो या तो लाचार हैं या फिर जिन्हें मदद की दरकार है।

जानिए किसकी अगुवाई में और कैसे होगी Mock Drill
फिलहा मॉक ड्रिल के लिए देश में 300 जगहों का चुनाव किया गया है। जहां सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनसीसी और ऐसे ही दूसरे बल और दल इस मॉक ड्रिल को लीड करने या अंजाम देने वाले हैं। इसमें पब्लिक को भी भाग लेना है, ताकि इन इकाइयों के साथ मिलकर जनता भी सुरक्षा की बारीकियों को सीख सके।
न्यूज क्रॉनिकल्स की ये खबर किसी ख्वाब के सच होने जैसी है-
https://newschronicles.in/dream11-4-crore-winner-auto-draft/
इसके साथ ही टॉर्च, दवाइयां, हल्की खाने-पीने की चीजें, फुल चार्ज के साथ मोबाइल फोन जैसी चीजें हमेशा तैयार रखनी हैं। सरकार की ओर से जो भी कहा जाए, उस आदेश का हु ब हू पालन करना है और एक दूसरे की मदद करने के साथ-साथ अफवाहों से बचने के लिए भी सजग सतर्क रहना है। इस मॉक ड्रिल का मकसद दुश्मन के हमले से खुद और दूसरों को बचाना है।
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