
Kerala Nurse Nimisha: यमन में एक भारतीय नर्स को फांसी की सजा हुई है। उसे 16 जुलाई को फांसी के फंदे पर लटकाने की तारीख तय की गई है। इससे यमन से लेकर भारत तक सनसनी फैल गई है। नर्स निमिषा प्रिया के घरवालों से लेकर, भारतीय अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता निमिषा की फांसी टालने की कोशिश कर रहे हैं। निमिषा पर अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप है।
शुरू से समझिए मामला क्या है
सबसे पहले समझिए कि मामला क्या है। मूल रूप से केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया यमन में काम करने गई थी। जिसके बाद उसने वहां अपने एक बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी के साथ एक क्लिनिक की शुरुआत की। हालांकि इसके बाद उसका तलाल अब्दो मेहदी के साथ कुछ विवाद हुआ और उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया। आरोप है कि एक रोज निमिषा उसे बेहोशी का इंजेक्शन दे कर उससे पासपोर्ट वापस लेना चाहती थी, लेकिन मामला बिगड़ गया।
बेहोशी की दवा ने ले ली बिजनेस पार्टनर की जान
असल में बेहोशी की दवा का डोज ज्यादा हो गया और मेहदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने किसी की मदद से उसकी लाश के टुकड़े करवाए और पानी की टंकी में डाल दिया। लेकिन बाद में वो पकड़ी गई। जिसके बाद से वो जेल में है। 2020 में यमन की अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई। उसने और उसके घरवालों ने अपील की लेकिन अपील भी 2023 में खारिज हो गई और अब फांसी की तारीख तय हो गई है।
10 लाख डॉलर से बचेगी जान?
हालांकि फांसी टालने के लिए अब निमिषा के घर वालों ने मारे गए शख्स तलाल अब्दो के घर वालों को 10 लाख अमरीकी डॉलर यानी करीब 8 करोड़ रूपये देने की पेशकश की है। हालांकि तलाल के घर वालों ने अभी इसका कोई जवाब नहीं दिया है। असल में कई मुस्लिम देशों में ब्लड मनी का नियम चलता है। जहां कत्ल के बाद पकड़े जाने या कत्ल करने के बाद लोग मारे गए इंसान के घर वालों को पैसे देकर अपनी जान छुड़ा सकते हैं। इसे ही ब्लड मनी कहा जाता है।
आखिर कैसे बचेगी निमिषा की जान?
निमिषा का मामला फिलहाल अधर में लटका है। क्योंकि यमन में गृह युद्ध की स्थिति है। वो जिस जेल में बंद है, वहां भी हूती विद्रोहियों का कब्जा है। ऐसे में सरकार की तरफ से उसे राहत दिलाने में दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि हूती विद्रोहियों से बात करने का कोई आधिकारिक चैनल नहीं है।