Kashmir Attack – कश्मीरी पत्रकार राशिद अली काजमी ने आतंकवाद जैसे संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर गोल-मोल बातें करने वाले लोगों के धागे खोल कर रख दिए। फिलहाल काजमी का एक इंटरव्यू और उसके छोटे-छोटे क्लिप्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। जिसमें काजमी आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता वाले जुमले पर अपनी तल्ख राय देते सुने जा रहे हैं। काजमी कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, ये बात कहना अब बंद कर दीजिए। जिन आतंकियों ने पहलगाम में सैलानियों पर गोली चलाई वो मुसलमान थे, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। (Kashmir Attack)
Kashmir Attack – कश्मीरी पत्रकार ने अपने इंटरव्यू में कई बेबाक बातें कहीं
काजमी का ये इंटरव्यू जम्मू कश्मीर में पहलगाम अटैक की कवेरज के लिए गए लल्लनटॉप के पत्रकार अभिनव पांडेय ने लिया। काजमी ने ऐसे आतंकी हमलों के लिए मदरसों में दी जा रही शिक्षा को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, “ये जो बार-बार कहा जा रहा है ना मुसलमानों की तरफ से कि हमें अफसोस हुआ.. मैं खुद एक मुसलमान हूं.. कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, इस शब्दावली का प्रयोग करना बंद कर दीजिए। हां, जो आतंकवादी आए बैसरन में, जिन्होंने गोली चलाई, वो मुसलमान थे। उनका धर्म इस्लाम था, इसमें कोई शक नहीं है।”
लल्लनटॉप पर पत्रकार राशिद अली काजमी का इंटरव्यू देखें. ये इंटरव्यू पत्रकार अभिनव पांडेय ने लिया है-
https://www.youtube.com/watch?v=ygbLE8GCbJs
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https://newschronicles.in/vinay-narwal-auto-draft/
Kashmir Attack – राशिद अली काजमी ने मदरसों की शिक्षा को बताया जिम्मेदार
उन्होंने कहा, “इस मामले पर गोल-मोल बातें करने की जरूरत नहीं है। लेकिन आगे मामला ये है कि वो जिस स्कूल से पढ़ के आ रहे हैं, वो जिस किताब से पढ़ कर के आ रहे हैं, उनके जो टीचर हैं, उनके जो उस्ताद हैं, बचपन से उन्हें सिर्फ एक ही चीज पढ़ाई है.. और पढ़ाई में सिवाय हिंदू से और बाकी अलग-अलग धर्मों से नफरत करने के और कुछ पढ़ाया ही नहीं है।” मदरसे में पढ़ाने वाले मौलानाओं के लिए उन्होंने कहा कि दिमाग देखिए उनका कैसा है, जब कोई स्टेज से तकरीर कर रहा है, वो टीचर है एक मदरसे का एक इस्लामिक स्कूल का।
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