
Jamshedpur News: अब तक अपने इंसानी बस्ती में घुस आए जंगली जानवरों को ही बेहोशी की दवा से काबू कर उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचाते हुए देखा होगा। खास कर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के आस पास तो अक्सर ‘ऑपरेशन टाइगर’ या ‘ऑपरेशन पैंथर’ चलाए जाते हैं। लेकिन ये शायद अपने आप में पहला मौका है, जब किसी पालतू जानवर को जंगली जानवरों की तरह बेहोश करके सुरक्षित जगह तक पहुंचाया गया। ये और बात है कि ये पालतू जानवर यानी सांड इन दिनों आवारा था।
बर्मामाइंस में चलाया गया ‘ऑपरेशन बुल’
मामला झारखंड के शहर जमशेदपुर का है, जहां बर्मामाइंस के कैरेज कॉलोनी इलाके में एक लावारिस सांड को काबू करने के लिए सामाजिक संगठन और पशुपालन विभाग की ओर से ‘ऑपरेशन बुल’ चलाया गया। दरअसल ये लावारिस सांड साल भर से इस इलाके में आतंक का पर्याय बना हुआ था। इस सांड ने अपने हमले से अब तक दो महिलाओं की जान ले ली थी, जबकि 20 लोगों की हड्डी पसली एक कर चुका था। ऐसे में लोग इसके आतंक से खासे परेशान थे।
नशे के इंजेक्शन से सांड को किया बेहोश
लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए रेलवे एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर इस सांड को सुरक्षित जगह तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया गया। एसोसियेशन ने पशुपालन विभाग और जूलॉजिकल पार्क की मदद से ‘ऑपरेशन बुल’ की प्लानिंग की। सबसे पहले सांड को नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश किया गया और फिर उसे बर्मामाइंस के रिहायशी इलाके से दूर घाघीडीह के कालियाडीह गौशाला में पहुंचा दिया गया।
सांड के रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो देखें–
सरकारी महकमों के चक्कर काटते रहे लोग
गौशाला में पहुंचाए जाने के थोड़ी ही देर बाद सांड वापस होश में आ गया और चरने लगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज मिश्र ने बताया कि इस काम के लिए उनके संगठन के सदस्यों को अलग अलग सरकारी महकमों के खूब चक्कर काटने पड़े, तब जाकर सांड का रेस्क्यू हो सका।