
Income tax return: इन दिनों इनकम टैक्स भरने का मौसम चल रहा है। वो चाहे नौकरीपेशा लोग हों या फिर कारोबारी लोग, सबको अपने अपने हिस्से का आईटीआर दाखिल करना पड़ रहा है। ऐसे में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो टैक्स बचाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को गलत जानकारी देते हैं। और अगर कहीं आप भी उन लोगों में हैं तो प्लीज इस बार थोड़ा सावधान हो जाइए।
AI और डेटा एनालिसिस के जरिए हो रही है जांच
असल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बार झूठे दावों को पड़ताल के लिए ज्यादा ही सजग सतर्क है। इस बार डिपार्टमेंट एआई के साथ साथ डेटा एनालिसिस की मदद से वैसे क्लेम की पहचान करने में जुटी है, को झूठे दावों से टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं। इस सिलसिले में महकमे ने खास तौर पर आईटी एक्ट की धारा 10 (13A) के तहत हाउस रेंट अलाउंस, धारा 80G के तहत डोनेशन और 80 के तहत लोन इंटरेस्ट वाले मामलों में धांधली का खुलासा किया है।
जानिए गलत जानकारी देने पर क्या हो सकती है सजा?
अब सवाल ये है कि अगर कोई ऐसा करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसे क्या सजा मिल सकती है? तो ये जानना अब बहुत जरूरी है, क्योंकि इस बार आईटी डिपार्टमेंट धांधली को लेकर काफी सख्त है। सबसे पहले तो पकड़े जाने पर जितना टैक्स जमा करना है, उसका कम से कम 200% ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है। इसके अलावा 24% तक का इंटरेस्ट रेट भी लग सकता है और ज्यादा गम्भीर मामलों में केस ही हो सकता है और जेल भी जाना पड़ सकता है।
धांधली पर 7 साल तक की हो सकती है सजा
ऐसी धांधली करते हुए पकड़े जाने पर 7 साल तक की सजा भी मुमकिन है। इस बार पकड़े जाने के चांसेज ज्यादा हैं क्योंकि स्क्रूटनी का ये काम अब एआई के हवाले कर दिया गया है। एक्सपर्ट की माने तो अगर आपने कोई गलत जानकारी दे दी है, तो उससे बचने के लिए आप जल्दी से आईटीआर यू का फॉर्म भर सकते हैं। इसलिए इस बार गलती ना ही करें तो बेहतर है।