
How to prevent heart attack: हार्ट अटैक उम्र नहीं देखता। यह बात आज हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं। दरअसल भारत में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं और अब केवल युवा ही नहीं बल्कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में एम्स के एक डॉक्टर सुरेंद्र ने इसके पीछे की वजह बताई है।
जोधपुर में 9 साल की बच्ची को आया हार्ट अटैक
आए दिनों हार्ट अटैक से जुड़े नए-नए के सामने आते हैं। ऐसे ही एक मामला हाल ही जोधपुर से सामने आया था, जहां एक 9 साल की बच्ची को हार्ट अटैक आ गया था। लेकिन हार्ट अटैक का शिकार होने वाली वो अकेली नहीं है। आजकल हर अस्पताल में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।
खराब जीवन शैली है हार्ट अटैक की वजह
इस पर एम्स के डॉक्टर सुरेंद्र पटेल कहते हैं कि बच्चों में हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि जन्म से ही हृदय में दोष होना। नसों में गड़बड़ी आदि जिससे शरीर में ब्लड के क्लाट बन जाते हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि फास्ट फूड या तला हुआ खाने से हार्ट अटैक का सीधे तरह से कोई संबंध नहीं है मगर हार्ट अटैक का सीधा संबंध अस्वस्थ जीवन शैली से है।
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
इसके बाद डॉक्टर सुरेंद्र बताते हैं कि आखिर क्या है वह लक्षण जो बच्चों में दिखने पर उन्हें हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा–
- 1. दिल की धड़कन तेज होना
2. खेलते समय जल्दी थक जाना
3. सांस जल्दी फूलना
4. छाती में दर्द
5. कम सक्रियता होना
डॉक्टर का कहना है कि यदि आपको आपके बच्चे में यह लक्षण दिखे तो आपको उसके दिल की जांच जरूर करानी चाहिए।
बच्चों को हार्ट अटैक से कैसे बचाएं?
इसके बाद डॉक्टर बताते हैं कि किस तरह से बच्चों को हार्ट अटैक से बचाया जा सकता है। उनका कहना है–
- 1. बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलना चाहिए
2. रोज व्यायाम करना चाहिए
3. मोबाइल और टीवी का कम प्रयोग करना चाहिए
4. खान-पान पर ध्यान देना चाहिए
5. फास्ट फूड और जंक फूड को टालना चाहिए
6. हरी सब्जियां और फल खाना चाहिए
7. समय-समय पर अपनी स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए
हार्ट अटैक उम्र का मोहताज नहीं है। यह हर उस व्यक्ति के अंदर घर कर लेता है जहां इसे दिखता है कि व्यक्ति स्वस्थ नहीं है। अपनी सेहत का ख्याल हर किसी को रखना चाहिए। यहां बात बच्चों की है क्योंकि बचपन तो बीमारियों से दूर रहने की अवस्था है मगर यदि इस अवस्था में बच्चों को हार्ट अटैक आने लगे तो आगे क्या स्थिति बन सकती है उस भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
समय समय पर हेल्थ चेकअप है जरूरी
जब बच्चों का हृदय ही स्वस्थ नहीं होगा तो आगे आने वाली पीढ़ी कैसे स्वस्थ होगी? इसीलिए ध्यान रखना होगा कि इनडोर एक्टिविटीज के साथ बच्चे आउटडोर एक्टिविटीज में भी भाग लें। साथ ही हरी सब्जियां खाए और जंक फूड से दूर रहें। इस तरह से हार्ट अटैक जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही डॉक्टर का कहना यह भी है कि समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें। इससे बड़ी बीमारी के होने से पहले ही उससे बचा जा सकता है।
(पलक गुप्ता का इनपुट)