Gujrat Triple Murder – गुजरात के खेडा जिले के नाडियाद टाउन में 9 फरवरी की रात करीब 8 बजे एक भयानक वारदात हुई। एक कबाड़ी की दुकान चलाने वाले कनुभाई चौहान और उसके दो दोस्तों ने अचानक न जाने ऐसा क्या पी लिया कि एकाएक तीनों की जान चली गई। लोगों ने तीनों को जमीन पर पड़े छटपटाते हुए देखा और फिर पास के सिविल अस्पताल लेकर गए। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मामला संदिग्ध था। लिहाजा पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस को शुरू में लगा कि ये जहरीली शराब का मामला हो सकता है। (Gujrat Triple Murder)
लाशों की फॉरेंसिक जांच से पलटा केस
लेकिन जब लाशों में से खून के नमूने लेकर फॉरेंसिक साइंस लैब्रोटरी में भिजवाया गया और अगले दिन उसकी रिपोर्ट आई तो पुलिस भी चकरा गई। क्योंकि खून में दूर-दूर तक मिथाइल अल्होकल का कोई नामो-निशान तक नहीं था। जबकि जहरीली शराब के केस में मिथाइल अल्होकल मिलना तय था। अब सवाल ये उठ खड़ा हुआ कि अगर उन तीनों लोगों ने जहरीली शराब नहीं पी, तो ऐसा क्या पी लिया कि उनकी इतनी जल्दी मौत हो गई? अब रहस्य गहरा चुका था और पुलिस छानबीन तेज कर चुकी थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने उन तीनों को धोखे से कोई जहरीली ड्रिंक पिला दी?
तीनों में पिया था जहर मिला जीरा सोडा
तो छानबीन में लगी पुलिस को शुरुआती तफ्तीश में कुछ ऐसे ही सुराग मिले। पुलिस को एक बच्चा समेत दो ऐसे चश्मदीद मिले, जिन्होंने बताया कि कनुभाई और उसके दोस्त एक जीरा सोडा की बोतल से सोडा पी रहे थे और उन्होंने वो सोडा इन दोनों चश्मदीदों को भी ऑफर किया था, लेकिन चश्मदीदों ने तब सोडा पीने से मना कर दिया और उनकी जान बच गई। यानी शक इस बात का था कि शायद कनुभाई और उसके दोस्तों को किसी ने धोखे से जीरा सोडा पिला दिया और उनकी हत्या कर दी। लेकिन आखिर ये कौन हो सकता था?

पोस्टमार्टम में सामने आई सोडियम नाइट्राइट की साज़िश
अब तक मरने वाले तीनों लोग यानी कनुभाई और उसके दोस्तों की विसरा जांच की रिपोर्ट सामने आ चुकी थी और इस रिपोर्ट में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कनुभाई और उसके दोस्तों के शरीर में वाकई एक खतरनाक जहर मौजूद था। इस जहर का नाम है सोडियम नाइट्राइट। ये एक ऐसा जहर है, जिसे थोड़ी सी मात्रा में लेते ही किसी भी इंसान की जान चली जाती है और आसानी से ये पता भी नहीं चलता मौत सोडियम नाइट्राइट से हुई। क्योंकि फौरी तौर पर मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट ही आती है। लेकिन जब पोस्टमार्टम के बाद शरीर के अंदरुनी अंगों की विशेष जांच यानी विसरा की जांच होती है, तो ये सच्चाई सामने आती है। जैसा कि इस मामले में हुआ।
सीसीटीवी फुटेज में पहली बार दिखा संदिग्ध
अब पुलिस ने कनुभाई के कबाड़ी की दुकान के इर्द गिर्द लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच चालू की। सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज स्कैन करने के बाद पुलिस को एक संदिग्ध शख्स ठीक 8 बजे से थोड़ी देर पहले कनुभाई की दुकान की तरफ जाता हुआ और फिर वापस लौटता हुआ दिखा। अब पुलिस को लगने लगा कि हो ना हो, कनुभाई और उसके दो दोस्तों के कत्ल के पीछे इसी आदमी का हाथ हो सकता है। ये आदमी और कोई नहीं बल्कि कनुभाई का ही एक पड़ोसी और सरकारी स्कूल का टीचर हरिकिशन मकवाणा था।
वो प्रयोग जिसने 3 लोगों की जान ले ली
पुलिस ने तसल्ली के हरिकिशन के मोबाइल फोन की लोकेशन और दूसरी डिटेल चेक की। जिससे ये तस्दीक हो गई कि उस रात हरिकिशन मकावाणा ही कनुभाई से आखिरी बार मिला था। पुलिस ने फौरन मकवाणा को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ शुरू की। लेकिन इसके बाद मकवाणा ने जो कहानी सुनाई, उससे पुलिस वालों के पैरों तले भी जमीन खिसक गई। पूछताछ में इस स्कूल टीचर ने कबूल किया कि उसी ने कनुभाई चौहान को वो जहरीला जीरा सोडा पीने के लिए दिया था, क्योंकि वो कनुभाई पर एक प्रयोग करना चाहता था। लेकिन कनुभाई ने वो जीरा सोडा अकेले पीने की जगह दो और लोगों से शेयर कर ली, जिसके चलते कनुभाई के साथ-साथ दो और लोगों की भी जान चली गई।
कनुभाई का गूंगा बहरा होना ही बना मौत की वजह
मगर अब सवाल ये था कि मकवाणा की अपने ही पड़ोसी कनुभाई से ऐसी क्या दुश्मनी थी? वो कनुभाई को क्यों मारना चाहता था? तो गिरफ्तार मकवाणा ने इसका भी जवाब दिया। उसने बताया कि उसकी कनुभाई से कोई दुश्मनी नहीं थी। उसे तो एक जहर को लेकर सिर्फ एक प्रयोग करना था और चूंकि कनुभाई मूक-बधिर यानी गूंगा बहरा था, उसने प्रयोग के लिए कनुभाई को चुना। ताकि अगर जहर पीने के बाद कल को कनुभाई की जिंदगी बच भी जाए, तो भी वो कम से कम उसका नाम ना ले सके। यानी गूंगा बहरा होना की कनुभाई की मौत की वजह बन गई।
सुइसाइड से पहले जानना चाहता था जहर का असर
अब नया सवाल ये था कि स्कूल टीचर मकवाणा को ऐसे जहरीले प्रयोग की क्या जरूरत थी? जिसमें को किसी को कोई जहरीला पदार्थ पिला कर उसका असर देखना चाहता था? पुलिस को पूछताछ में इस सवाल का जवाब मिला। असल में मकवाणा लंबे समय से डिप्रेशन में चल रहा था और वो आत्महत्या कर अपनी जान देना चाहता था। लेकिन साथ ही वो ये भी चहता था कि उसकी मौत एक सामान्य मौत लगे और जहर की बात सामने न आए। उसने सुन रखा था कि सोडियम नाइट्राइट एक ऐसा जहर है, जिसे खाने से मौत की शुरुआती वजह कार्डिएक अरेस्ट यानी हार्ट अटैक आती है और किसी को पता ही नहीं चलता कि जहर खाने वाले जहर खा कर जान दी है।
ऑनलाइन मंगवाई थी जहर की खेप
इसीलिए मकवाणा ने पहले ऑनलाइन ये जहर मंगवाया और उसे अपने घर में रख लिया। मगर संयोग से मकवाणा की बीवी ने जहर का वो पैकेट देख लिया और उसे फेंक दिया। ताकि कोई हादसा ना हो। मगर मकवाणा बेहद शातिर था। अपनी बीवी को जहर का पूरा पैकेट देने से पहले उसने कुछ हिस्सा निकाल कर अपने पास रख लिया था और इसी जहर को उसने 9 फरवरी की रात जीरा सोडा में मिला कर कनुभाई को पीने के लिए दे दिया। लेकिन चूंकि कनुभाई ने अपने दोस्तों से वो ड्रिंक शेयर की, कनुभाई के साथ-साथ दो और लोग भी मारे गए।
सिर्फ बीमे की रकम की लालच में ले ली तीन की जान
असल में मकवाणा सुसाइड तो करना चाहता था, लेकिन चाहता था कि उसकी मौत सामान्य मौत लगे। सुसाइड और जहर वाली कोई बात सामने न आए। क्योंकि उसे लगता था कि अगर उसकी सुसाइड की बात खुल गई, तो ना तो उसके बीवी बच्चों को उसके इंश्योरेंस का पैसा मिलेगा और ना ही उसकी सरकारी नौकरी से उसकी मौत के बाद मिलने वाले बेनिफिट्स उसके परिवार को मिलेगी। इसलिए वो अपनी मौत की असली वजह यानी सुइसाइड को छुपाना चाहता था। लेकिन ऐसा करने से पहले वो पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था और इसीलिए वो सोडियम नाइट्राइट वाले जहर को लेकर एक प्रयोग करना चाहता था। जो उसने किया लेकिन जान कनुभाई के साथ-साथ दो और लोगों की चली गई।