GIS based master plan 2031. जीडीए के कंधों पर अब बहुत बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है.
GIS based master plan 2031 : उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में गाज़ियाबाद, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर के लिए GIS (Geographic Information System) आधारित इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी है। यह प्लान गाज़ियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA) द्वारा विकसित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य इलाके में आर्गेनाइज्ड तरीके से शहरी विकास को बढ़ावा देना है। खास बात यह है कि इस मास्टर प्लान में ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे शहर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आवासीय, वाणिज्यिक तथा औद्योगिक गतिविधियां अधिक संगठित रूप से बढ़ेंगी।
नए मास्टर प्लान में 32 हजार हेक्टेयर से ज्यादा एरिया का होगा विकास
नए मास्टर प्लान के तहत कुल 32,017.81 हेक्टेयर के इलाके को डेवलप किया जाएगा, जो 2021 के प्लान की तुलना में 27.56% अधिक है। इस पूरे इलाके में से 4,261.43 हेक्टेयर क्षेत्र RRTS (Regional Rapid Transit System) कॉरिडोर के साथ TOD ज़ोन के लिए रिज़र्व किया गया है, जबकि मेट्रो के दो कॉरिडोरों के साथ 636.61 हेक्टेयर TOD के लिए निर्धारित है। TOD ज़ोन में विभिन्न प्रकार की कम्यूटिंग विकल्प बढ़ेंगे और पैदल चलने वाले इलाकों का विकास होगा, जो ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करेगा।
मास्टर प्लान के खास बिंदुओं में डालिए एक नजर
मास्टर प्लान 2031 के तहत किस काम के लिए कितनी भूमि का आवंटन किया गया है, वो जानिए।
- आवासीय क्षेत्र: 12,869.32 हेक्टेयर
- वाणिज्यिक क्षेत्र: 744 हेक्टेयर
- औद्योगिक क्षेत्र: 3,531.15 हेक्टेयर
- मिश्रित भूमि उपयोग: 552.74 हेक्टेयर
- मनोरंजन के लिए क्षेत्र: 6,032.44 हेक्टेयर
- परिवहन संबंधित क्षेत्र: 4,120.95 हेक्टेयर
यह प्लान 6.473 मिलियन की अनुमानित जनसंख्या के लिए तैयार किया गया है, जो गाज़ियाबाद की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
मास्टर प्लान में क्या हैं स्पेशल डेवलपमेंट एरिया?
मास्टर प्लान में गुलधर और दुहाई में दो विशेष विकास क्षेत्र (510.56 और 549.5 हेक्टेयर) भी शामिल हैं, जिन्हें ऊँची इमारतों के लिए अधिक फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) वाले क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये क्षेत्र मिश्रित उपयोग वाले होंगे और यहाँ आवास, व्यवसाय और औद्योगिक क्षेत्र का मिला-जुला रूप नजर आएगा।
गाज़ियाबाद को एक मॉर्डन सिटी बनाने की है प्लानिंग
इस मास्टर प्लान का उद्देश्य न केवल गाज़ियाबाद को एक आधुनिक, टिकाऊ और आत्मनिर्भर शहर बनाना है, बल्कि निवेशकों के लिए भी इसे एक आकर्षक केंद्र बनाना है। ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट की मदद से कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर समन्वय होगा, जो निवासियों की जीवन गुणवत्ता को बढ़ाएगा और आर्थिक अवसर बढ़ाएगा। GIS टेक्नोलॉजी पर आधारित मास्टर प्लान अधिक सटीक और प्रभावी शहरी नियोजन सुनिश्चित करता है। साथ ही, RRTS और मेट्रो के आसपास विकसित TOD ज़ोन, शहर के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क से सीधे जुड़े रहेंगे जिससे प्लान की सफलता सुनिश्चित होगी।
जानिए जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
हिंदुस्तान टाइम्स ने इस सिलसिले में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें कई विशेषज्ञों की राय शामिल है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमित मोदी, काउंटी ग्रुप के निर्देशक ने कहा है कि यह मास्टर प्लान गाज़ियाबाद के विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करता है जो संतुलित और संरचित विकास को प्रोत्साहित करेगा। प्रतीक तिवारी, प्रतीक ग्रुप के एमडी के अनुसार, GIS आधारित फ्रेमवर्क और संशोधित विकास मानक डेवलपर्स के लिए परियोजनाओं को अधिक टिकाऊ, प्रभावशाली और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।
