Ghaziabad News – ब्लड कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रही एक मासूम बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए स्टेम सेल की जरूरत है। अगर आपके मन में भी किसी की मदद करने की भावना है, तो ये एक सुनहरा मौका है। आप बच्ची को स्टेम सेल डोनेट करने का प्लान कर सकते हैं। ऐसा भी नहीं है कि आपके तैयार होते ही ये काम हो जाएगा। क्योंकि स्टेम सेल का मैच होना बहुत मुश्किल होता है। आम तौर पर ये 10 हजार से लेकर 10 लाख लोगों तक में सिर्फ 1 व्यक्ति का मैच होता है।
मदद के लिए दात्री नाम के संगठन ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन का एक कैंप रखा है। इस कैंप में रजिस्ट्रेशन के बाद स्टेम सेल डोनेट करने के इच्छुक लोगों के ब्लड स्टेम सेल की जांच की जाएगी और अगर वो स्टेम सेल मैच कर गया, तो फिर आगे उसके डोनेशन के प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वैसे स्टेम सेल मैच करने की संभावना आम तौर पर काफी कम होती है। ये 10 हजार से लेकर 10 लाख तक में 1 तक हो सकती है।

Ghaziabad News – जानिए क्या हैं स्टेम सेल डोनेशन के नियम और शर्तें
अमेरिका की रहने वाली भारतीय मूल की ईशानी मोइत्रा रावत की उम्र महज 10 साल की है और वो ब्लड कैंसर से जूझ रही है। ऐसे में उसे स्वस्थ होने के लिए स्टेम सेल की दरकार है। इस बच्ची की मदद के लिए स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन कैंप इंदिरापुरम के शिप्रा रिवेरा के कम्युनिटी सेंटर में 15 जून की सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित होगा। इसमें सबसे पहले स्टेम सेल के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते वक्त पहले आपको इसके बारे में जानकारी दी जाएगी, फिर गाल के अंदर से रुई के जरिए लार का एक स्वैब लिया जाएगा। स्टेम सेल डोनेट करने के लिए उम्र 18 से 50 साल के बीच होनी चाहिए और वजन का कम से कम 40 किलोग्राम होना जरूरी है।
स्टेम सेल डोनेशन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप ये आर्टिकल पढ़ सकते हैं-
https://my.clevelandclinic.org/health/
Ghaziabad News – जानिए स्टेम सेल डोनेशन का आखिर कैसे होता है?
सवाल ये है कि आखिर ये स्टेम सेल डोनेशन होता कैसे है? वैसे तो ये एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे समझने के लिए थोड़ा पढ़ने जानने की जरूरत है। लेकिन मोटे तौर पर आप ये समझ सकते हैं कि ये प्रक्रिया प्लेटलेट डोनेट करने जैसा ही है। इसमें एक हाथ की नस से आपका खून लिया जाता है और फिर उसमें स्टेम सेल अलग करके खून वापस दूसरे हाथ के रास्ते आपके शरीर में वापस भेज दिया जाता है। इससे डोनर को कोई ज्यादा शारीरिक कष्ट से गुजरना नहीं पड़ता और वो कुछ ही देर में अपने काम पर वापस भी लौट सकता है। कुल मिलाकर, स्टेम सेल डोनेशन की प्रक्रिया बेशक मुश्किल हो, लेकिन डोनर के लिए एक आसान काम है।
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