Ghaziabad News – बड़े बड़े शहरों में कभी कभी छोटी छोटी घटनाएं हो जाती हैं। लेकिन कई बार छोटी-छोटी घटनाओं का इतना बड़ा इम्पैक्ट होता है कि इंसान को संभलने में भी देर हो जाती है। गजियाबाद के राजनगर की रहने वाली अंजू राणा 20 अप्रैल 2018 को एक हादसे का शिकार हो गई और बाईं कलाई में फ्रैक्चर हो गया। लेकिन जैसे ही वो इलाज के लिए अंजता हार्ट केयर एंड डायगोनास्टिक सेंटर पहुंची, वैसे ही उनकी मुसीबत दुगनी हो गई।
Ghaziabad News – बुजुर्ग अंजू राणा की दर्द भरी कहानी जानिए..
हुआ यूं कि अस्पताल की डॉक्टर अंजू गर्ग और उनकी टीम ने लापरवाही से काम लेते हुए अंजू राणा की पहचान ही महिला से पुरुष में बदल दी और कागज पर उन्हें पुरुष लिख दिया। इतना ही नहीं राणा की उम्र 64 साल है, जबकि पेपर में उन्हें 26 साल का दिखा दिया। हद तो तब हो गई, जब इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम भी अलग लिख दिया। यानी एक छोटे से पेपर में तीन-तीन गलतियां।
इसका असर ये हुआ कि जब एक्स-रे रिपोर्ट लेकर अंजू राणा ऑर्थोपेडिक सर्जन के पास पहुंची, तो डॉ संजय जैन ने उनकी एक्स-रे रिपोर्ट को मानने से ही इनकार कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें दोबारा एक्स-रे भी करवाना पड़ा और ऑपरेशन की तारीख भी टल गई। न्यू इंडिया इंश्योरेंस से मिलने वाली बीमा की रकम भी खटाई में पड़ गई।
Ghaziabad News – अस्पताल वालों की घनघोर लापरवाही माफी के लायक नहीं
राणा ने बताया है कि उनके पति स्टेट बैंक से रिटायर हैं। उन्होंने अपना पहला इलाज के बैंक के पैनल के डॉ अनिल राठी से करवाया था। जिन्होंने उन्हें अंजता हार्ट केयर एंड डायगोनास्टिक सेंटर रेफर किया था, लेकिन सारी मुसीबत की शुरुआत वहीं से हुई।
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राणा इस मामले को लेकर उपभोक्या आयोग गई थीं। जहां उनकी सुनवाई के बाद आयोग ने इसे सेवा में कमी का मामला मानते हुए अंजता हार्ट केयर एंड डायगोनास्टिक सेंटर के डॉक्टर अंजू गर्ग और न्यू इंडिया इंश्योरेंस पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और ये राशि पीड़ित को देने के आदेश दिए।
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