GBS disease – महाराष्ट्र में और खास कर पुणे में GBS यानी गुइलेन बैरी सिंड्रोम नाम की एक रहस्यमयी बीमारी ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। फिलहाल पुणे और इसके आस-पास के इलाकों में इस बीमारी के 100 से ज्यादा मरीज पाए गए हैं और अब तो GBS यानी गुइलेन बैरी सिंड्रोम नाम की बीमारी के शिकार एक मरीज ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम भी तोड़ दिया है।
पुणे से लौटा था सोलापुर का मरीज़
जिस शख्स की सोलापुर के अस्पताल में मौत हुई, बताया जाता है कि वो हाल ही में पुणे गया था। जिसके बाद उसे भी ये बीमारी हुई और आखिरकार उसकी जान चली गई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल पुणे, पिंपरी चिंचवाड और आस-पास के इलाकों में GBS यानी गुइलेन बैरी सिंड्रोम के 18 नए मरीजों की पहचान की है। जबकि 101 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और 16 की हालत नाजुक है। वो वेंटिलेटर पर हैं। इन मरीजों में 33 महिलाएं हैं और 68 पुरुष।
आखिर क्या है ये GBS बीमारी?
GBS disease – अब आइए आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि ये GBS यानी गुइलेन बैरी सिंड्रोम क्या बला है? इसके बारे में कहा जाता है कि ये बीमारी नसों से जुड़ी हुई है। यानी ये एक न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर है। जो शरीर में रीढ़ की हड्डी और बाहरी नसों को नुकसान पहुंची है और इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। नसों के सूजने, मांसपेशियों के कमजोर हो जाने से कई बार मरीजों को लकवा मार जाता है।
अब आइए पहले बीमारी के लक्षण जानते हैं
- -हाथ, पैर और चेहरे का सुन्न होना, सांस लेने में दिक्कत
- -पैरालिसिस, कमजोरी, घुटनों में तकलीफ होना
आइए जानते हैं कि इस बीमारी के कारण क्या हैं
- -कारण अब तक पूरी तरह साफ नहीं है
- -60 से 80 फीसदी मामलों में वायरस या बैक्टिरिया की वजह से इंफेक्शन होता है
- -ये कोई जेनेटिक बीमारी नहीं है और ना ही संक्रामक है
इसका इलाज क्या है
- -इसके ज्यादातर मरीज अपने-आप ठीक हो जाते हैं
- -पूरी तरह ठीक होने में 6 महीने से 2 साल तक लग सकता है
- -हालांकि मांसपेशियों में दर्द या सुन्नपन लंबे समय तक रह सकता है
हाल के दिनों में इस बीमारी के कई मामले पुणे और आस-पास के इलाकों में सामने आ चुके हैं। अलग-अलग मरीजों की जांच के लिए उनके खून के सैंपल लिए गए थे, लेकिन ज्यादातर सैंपल नेगेटिव रहे। वहीं जब उनके स्टूल सैंपल की जांच की गई, तो कई मरीजों में GBS यानी गुइलेन बैरी सिंड्रोम की शिकायत सामने आई।