
भाई, सोचो तो सही, हमारा Uttar Pradesh अब कितनी तेजी से बदल रहा है! Ganga Expressway का निर्माण 88% पूरा हो चुका है, जो मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक 594 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगा। ये छह लेन वाला हाईवे है, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है, साथ में 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनेगी ताकि गांवों के लोकल ट्रैफिक को आसानी हो। कुल लागत करीब 37,350 करोड़ रुपये है, जिसमें जमीन अधिग्रहण के 9,500 करोड़ शामिल हैं, और ये सब हमारी सरकार की मेहनत से हो रहा है जो Expressway Construction को तेज कर रही है। इससे यात्रा का समय आधा हो जाएगा, और हम जैसे आम लोग पश्चिमी से पूर्वी यूपी तक जल्दी पहुंच सकेंगे, जिससे व्यापार और विकास में बड़ी मदद मिलेगी।
अरे यार, ये Ganga Expressway 12 जिलों को जोड़ेगा – मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज – ये सब अब एक-दूसरे से और करीब आ जाएंगे। सुरक्षा के लिए आधुनिक फीचर्स जैसे पुल, फ्लाईओवर और टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं, जो भारी ट्रैफिक को आसानी से हैंडल करेंगे और दुर्घटनाओं को कम करेंगे। लोकल लोग कहते हैं कि इससे रोजगार के नए मौके मिलेंगे, व्यापार तेज होगा, और गांवों में विकास की लहर आएगी, खासकर कृषि .
निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति
भाई, सुनो तो सही, हमारा Ganga Expressway का Construction Work अब 88% पूरा हो चुका है, और यूपीईआईडीए की रिपोर्ट कहती है कि ये सब तेज रफ्तार से चल रहा है, जैसे हमारे यूपी के लोग मेहनत करते हैं। मुख्य कैरिजवे पर अर्थवर्क का 99% काम खत्म हो गया है, और कर्ब व गटर का तो 100% पूरा है, जो दिखाता है कि परियोजना समय से पहले तैयार हो सकती है। हमारी राज्य सरकार की कुशलता की वजह से टीम दिन-रात लगी हुई है, और अगस्त 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा है। इससे हमें गर्व होता है कि हमारा Uttar Pradesh इतनी तेजी से विकसित हो रहा है, और जल्द ही हम मेरठ से प्रयागराज तक फटाफट पहुंचेंगे।

अरे यार, कुल 1500 संरचनाओं में से 1487 बन चुकी हैं, जो वाकई एक बड़ी जीत है हमारे लिए। वेट मिक्स मैकाडम (WMM) का 96%, डेंस बिटुमिनस मैकाडम (DBM) का 95%, और ग्रैनुलर सब-बेस (GSB) का भी 96% काम हो गया है, जो Progress Updates में साफ नजर आता है। ये आंकड़े नियमित रूप से जारी हो रहे हैं, जो पारदर्शिता रखते हैं और हमें भरोसा देते हैं कि सब ठीक चल रहा है। अगर मौसम ने साथ दिया तो बाकी काम जल्द निपट जाएगा, और हम जैसे आम लोग इस एक्सप्रेसवे पर सफर करके खुश होंगे, गांव-शहर सब जुड़ेंगे।
लाभान्वित होने वाले जिले और कनेक्टिविटी
भाई, कल्पना करो कि हमारा Ganga Expressway एनएच-334 से शुरू होकर एनएच-2 बाईपास पर खत्म होता है, और ये 12 जिलों को सीधा जोड़कर Uttar Pradesh की कनेक्टिविटी को बिल्कुल नया रूप देगा। इससे ग्रामीण इलाकों में जहां पहले परिवहन की बड़ी समस्या थी, अब सब आसान हो जाएगा, और मेरठ से प्रयागराज तक की लंबी दूरी घंटों में तय हो सकेगी जो पहले दिनों का काम लगता था। हमारे लोकल किसान और व्यापारी तो बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि अब बाजारों तक पहुंचना खेल हो जाएगा, फसलें जल्दी बिकेंगी और कारोबार चमकेगा। ये बदलाव हमारे जैसे आम लोगों के लिए वरदान है, जो रोजमर्रा की जिंदगी को सुगम बनाएगा और गांव-शहर के बीच की दूरी मिटाएगा।
अरे यार, इन जिलों में Industrial Development को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अच्छी सड़कें ही नए कारोबार की नींव होती हैं, और एक्सप्रेसवे से जुड़े इलाकों में फैक्ट्रियां व कारखाने खुलने की पूरी संभावना है। Districts benefitted की लिस्ट में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे जिले अपनी कृषि, पर्यटन और अन्य खासियतों से योगदान देंगे। इससे रोजगार बढ़ेंगे, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, और हम सब एक-दूसरे से और जुड़ेंगे। कुल मिलाकर, ये परियोजना हमारे यूपी की एकता को इतना मजबूत करेगी कि विकास की लहर हर कोने तक पहुंचेगी, और हम गर्व से कह सकेंगे कि ये हमारा अपना एक्सप्रेसवे है।
प्रमुख संरचनाएं और सुविधाएं
भाई-बहनों, आप सब जानते ही हैं कि उत्तर प्रदेश में सड़कें कितनी व्यस्त रहती हैं, और अब ये नया Expressway हमारी जिंदगी को कितना आसान बनाने वाला है। इसमें 14 बड़े-बड़े पुल हैं, जो नदियों और घाटियों को पार करने में मदद करेंगे, साथ ही सात रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) जो ट्रेनों की वजह से होने वाले जाम को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे। इसके अलावा, 32 Flyovers बनाए जा रहे हैं, जो शहरों के बीच सुगम यातायात सुनिश्चित करेंगे, और रिसर्च बताती है कि ऐसी संरचनाएं ट्रैफिक स्पीड को 30-40% तक बढ़ा सकती हैं। मेरठ और प्रयागराज जैसे हमारे अपने इलाकों में दो मुख्य Toll Plazas के साथ 15 रैंप टोल प्लाजा भी होंगे, जो राजस्व से सड़क के रखरखाव को मजबूत बनाएंगे, ताकि ये लंबे समय तक हमारी सेवा करें।
दोस्तों, ये सब सुविधाएं न सिर्फ जाम की पुरानी समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकेंगी, बल्कि पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा गया है, जैसे कि निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आसपास के गांवों पर कोई बुरा असर न पड़े। विशेषज्ञों की रिपोर्ट्स कहती हैं कि ऐसे प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को आधुनिक बनाने में बड़ा रोल निभाते हैं, खासकर जब रेलवे ओवरब्रिज ट्रेन और सड़क ट्रैफिक को अलग रखते हैं तो दुर्घटनाएं 50% तक कम हो जाती हैं। आने वाले दिनों में ये हमें सुरक्षित और तेज सफर का तोहफा देंगी, जहां मेरठ से प्रयागराज तक का रास्ता घंटों में सिमट जाएगा। कुल मिलाकर, ये हमारी यूपी की प्रगति का प्रतीक हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी को और बेहतर बनाएंगे।
परियोजना की शुरुआत और महत्व
भाई, याद करो वो दिन जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में Ganga Expressway की Foundation Stone रखी थी, वो पल तो जैसे हमारे Uttar Pradesh के विकास की नई शुरुआत था, जहां सपने हकीकत बनने लगे। इसका मुख्य उद्देश्य पश्चिमी और पूर्वी यूपी के बीच कनेक्टिविटी को इतना मजबूत करना है कि औद्योगिक प्रगति रुक न सके, और हम जैसे आम लोग आसानी से सफर कर सकें। इससे न सिर्फ यात्रा का समय कम होगा, बल्कि रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे और निवेश की बाढ़ आएगी, जो हमारे गांवों और शहरों को चमकाएगी। लोकल लोग इसे अपने सपने की तरह देखते हैं, जो अब सच होने वाला है, और हमें गर्व है कि ये हमारी अपनी परियोजना है जो राज्य को आगे ले जाएगी।
अरे यार, इस परियोजना की यात्रा Foundation Stone से अब तक चुनौतियों से भरी रही है, लेकिन टीम की जी-तोड़ मेहनत से सब कुछ पटरी पर है, जैसे हमारे यूपी के लोग कभी हार नहीं मानते। UPEIDA की रिपोर्ट बताती है कि ये राज्य की अन्य एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का अहम हिस्सा है, जो समग्र विकास को रफ्तार दे रही हैं और पारदर्शिता बनाए रख रही हैं। भविष्य में इससे पर्यटन भी खूब बढ़ेगा, खासकर प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों की वजह से, जहां लोग दूर-दूर से आएंगे। कुल मिलाकर, ये एक्सप्रेसवे हमारे उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान देगी, जहां हम सब मिलकर तरक्की करेंगे और अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे।
निष्कर्ष
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो connectivity और industrial development को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। 88 प्रतिशत काम पूरा होने से साफ है कि जल्द ही मेरठ से प्रयागराज तक तेज यात्रा संभव होगी, जो 12 जिलों को लाभ पहुंचाएगी। लेकिन क्या हम इस सुविधा का सही उपयोग करके राज्य की प्रगति में योगदान देंगे? यह सोचने का समय है, क्योंकि ऐसी परियोजनाएं हमारी साझा जिम्मेदारी हैं और road infrastructure को मजबूत बनाती हैं।
