Delhi metro story: दिल्ली मेट्रो अपने आप में एक पूरी दुनिया है। यहां से हर रोज नई कहानियां सामने आती हैं। अब इसी मेट्रो की एक ऐसी स्टोरी सामने आई है, जिससे जानने के बाद शायद आप भी ये सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि जमाना वाकई खराब है। इस स्टोरी को एक पीड़ित शख्स ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म रेडिट पर शेयर किया है।
शुरुआत बुजुर्ग महिला के लिए सीट छोड़ने से हुई
इस शख्स ने अपनी पोस्ट में बताया है कि वो दिल्ली की ब्लू लाइन मेट्रो में सफर कर रहा था। इसी बीच तीन महिलाएं उसके कोच में सवार हुई। जिनमें एक अपेक्षाकृत बुजुर्ग थी। बाकी दो महिलाओं ने बुजुर्ग महिला के सीट मांगी तो उसने शिष्टाचार के नाते फौरन अपनी सीट उस बुजुर्ग महिला के लिए छोड़ दी।
बाद में बुजुर्ग महिला से ही मिला धोखा
लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आया, जब आगे चलकर बुजुर्ग महिला के बगल में सीट खाली हुई। अब सीट छोड़ने वाले शख्स ने उस खाली सीट पर बैठने की कोशिश की। मगर बुजुर्ग महिला ने अपने बगल वाली उस सीट पर बैग रख कर अपनी साथी को वहां बुला लिया और उसे सीट नहीं दी। ऐसा उस बुजुर्ग महिला ने तब किया, जब चंद मिनट पहले पीड़ित शख्स ने उसे अपनी सीट दी थी। महिला के इस व्यवहार से अपनी सीट छोड़ने वाला शख्स हैरान रह गया और पीड़ित ने रेडिट पर अपना दर्द बांटा।
दुनिया ऐसी ही है– अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता
फिलहाल सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इस स्टोरी पर लोग तरह तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। इस सिलसिले में नवभारत टाइम्स ने भी एक खबर प्रकाशित की है। कमेंट्स में एक शख्स ने लिखा है कि वो तो कभी किसी के लिए अपनी सीट नहीं छोड़ता। चाहे लोग उसे अच्छा समझे या फिर बुरा। एक नहीं लिखा है कि कुछ लोगों की फितरत ही ऐसी होती है– अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता।
