
Deepseek Banned
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में डीपसीक पर पाबंदी
चीनी एप्प पर सुरक्षा तंत्र में कैसे कर रहा है सेंधमारी?
एप के साथ-साथ चीन की सरकार भी घेरे में
Deepseek Banned – चीनी एआई टूल डीपसीक को अभी शुरू हुए जुम्मा-जुम्मा चार ही दिन हुए थे कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस पर बैन लगाने की शुरुआत कर दी। टेक्सास डीपसीक पर बैन लगाने का वाला अमेरिका का पहला राज्य बना। इत्तेफाक से टेक्सास ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खास दोस्त और दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक एलन मस्क का होम स्टेट है। अब सवाल ये है कि डीपसीक पर बैन (Deepseek Banned) की आखिर वजह क्या है? तो बैन करने वालों का जवाब है– नेशनल सिक्योरिटी यानी राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा।
क्या खुफिया जानकारी चुरा रही है डीपसीक?
गवर्नर ग्रैग एबॉट ने इस सिलसिले में एक आदेश पारित करते हुए टेक्सास में सारे सरकारी डिवाइसेज पर डीपसीक के इस्तेमाल पर ये कहते हुए पाबंदी लगा दी कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार डीपसीक के ज़रिए अमेरिकी कंप्यूटर और सूचना तंत्र में घुस कर खुफिया जानकारी चुरा सकती है। वैसे ये सही है कि डीपसीक के मार्केट में आने के साथ ही इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। बहुत से एक्सपर्ट को इसके डाटा स्टोरेज के तरीके पर शक था और दूसरा शक इसका ऑरिजिन चीन में होने की वजह से है, जहां कम्युनिस्ट सरकार है।
डीपसीक का सर्वर चीन में होने से बढ़ा ख़तरा
डीपसीक चीन में तैयार की गई एक आर्टिफिशयिल इंटेलिजेंस एप्प है, जिसने अपने वजूद में आते ही पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि ये कहा जा रहा है कि डीपसीक ओपन एआई को पीछे तो छोड़ ही सकता है, खास बात ये है कि इसकी लागत दूसरे एएआई टूल के मुकाबले काफी है। लेकिन इसकी शोहरत और कामयाबी के साथ ही कुछ विवाद और शंकाएं डीपसीक के साथ जुड़ी हैं। ये माना जाता है कि इस एआई एप्लिकेशन का स्टोरेज सर्वर चीन में लोकेटेड हैं, यहां डीपसीक यूजर्स का डेटा इकट्ठा करती है। जो सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। क्योंकि चीनी सरकार कभी भी वहां के कानून के मुताबिक डीपसीक से ये सारा डेटा हासिल कर सकती है।
यूएस नेवी, नासा ने पहले ही किया है बैन
यही वजह है कि यूएस नेवी, नासा जैसे संवेदनशील अमेरिकी महकमों ने डीपसीक को अपने यहां पहले ही बैन कर दिया है। वैसे आपको बता दें कि अमेरिका अकेला नहीं है। ऑस्ट्रेलिया ने भी डीपसीक को अपने तमाम सरकारी डिवाइसेज पर बैन कर रखा है। मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय के सचिव ने इस सिलसिले में एक नोटिफिकेश जारी कर तमाम सरकारी महकमों को डीपसीक से दूरी बनाने का हुक्म दे दिया। ऐसे में अब आने वाले दिनों में डीपसीक क्या भविष्य क्या होता है और क्या वाकई डीपसीक पर लगने वाले जासूसी के इल्जाम सही साबित होते हैं, ये देखने वाली बात होगी।