
Bharuch Murder. प्रतीकात्मक तस्वीर. सौजन्य- पेक्सेल्स.
Crime news in Hindi – हैदराबाद के वेंकटेश्वरा कॉलोनी की रहने वाली एक हाउस वाइफ माधवी अचानक अपने घर से गायब हो गई। वो अपने पति और दो बच्चों के साथ यहां रहती थी। उसका फोन भी स्विच्ड ऑफ आ रहा था। वैसे तो माधवी रोज ही नांदयाल में रहने वाले अपने माता-पिता से फोन पर बात किया करती थी, लेकिन जब 16 जनवरी के बाद उसका फोन आना बंद हो गया, तो उसके घरवाले दो दिनों तक परेशान रहे। आखिर उन्होंने अपने दामाद गुरुमूर्ति से बात की।
रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई माधवी
गुरुमूर्ति एक रिटायर्ड फौजी था और अपनी रिटायरमेंट के बाद वो एक सरकारी संस्थान डीआरडीओ में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था। डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन। दोनों की शादी करीब 13 साल पहले हुई थी और उन्हें दो छोटे-छोटे बच्चे भी थे। माधवी के घर वालों ने जब माधवी की गुमशुदगी को लेकर अपने दामाद गुरुमूर्ति से बात की, तो गुरुमूर्ति ने कहा कि 16 जनवरी के दिन ही उसकी माधवी से कहासुनी हुई थी, जिसके बाद वो घर छोड़ कर गायब हो गई।
माता-पिता ने लिखवाई गुमशुदगी की रिपोर्ट
अपने दामाद के इस जवाब से माधवी के माता-पिता हैरान रह गए। उन्हें हैरानी इस बात की हो रही थी कि माधवी दो दिनों से गायब है और गुरुमूर्ति उसे ढूंढने की कोशिश भी नहीं कर रहा है। इसके बाद वो नांदयाल से सीधे हैदराबाद अपनी बेटी के घर पहुंचे। दामाद को साथ लिया और पास के ही मीरपेट पुलिस स्टेशन जाकर अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी। गुरुमूर्ति ने पुलिस वालों को वही कहानी सुनाई, जो उसने अपने सास ससुर को सुनाई थी।
गुरुमूर्ति ने सुनाई एक भयानक कहानी
पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और गुरुमूर्ति से पूछताछ करने लगी। क्योंकि गुरुमूर्ति ही वो आदमी था, जिसने आखिरी बार अपनी पत्नी माधवी को देखा था। पहले तो गुरुमूर्ति तमाम कहानियां सुनाता रहा, लेकिन आखिरकार पुलिस के सवालों से घिर उसने सच बता दिया। उसने एक ऐसी बात कही कि उससे पूछताछ करने वाले पुलिस वालों की भी पैरों तले जमीन खिसक गई। गुरुमूर्ति ने कहा कि उसने अपनी पत्नी माधवी की हत्या कर दी है। और सिर्फ हत्या ही नहीं की, बल्कि उसकी लाश को ठिकाने भी लगा चुका है।
लाश के टुकड़े किए, कुकर में पकाया
अब पुलिस वाले सन्न थे। उन्होंने गुरुमूर्ति से पूरी कहानी डिटेल में सुनाने को कहा। गुरुमूर्ति ने बताया कि 16 जनवरी को पहले उन दोनों में झगड़ा हुआ। तब उनके बच्चे घर में नहीं थे। गुस्से में आकर उसने माधवी की जान ले ली। इसके बाद लाश ठिकाने लगाने के लिए उसने एक भयानक तरीका चुना। उसने किचन नाइफ से माधवी की लाश को बाथरूम में ले जा कर उसके टुकड़े करने शुरू किए। लाश को सड़ने से बचाने के लिए उसने उन टुकड़ों को कुकर में उबालना शुरू किया। हड्डियों को मसाला पीसने वाले सिलबट्टे से चूर-चूर कर डाला और इस तरह किस्तों में लाश के पके-अधपके टुकड़ों को वो ठिकाने लगाता रहा।
अब पुलिस के लिए सबूत ढूंढना हुआ मुश्किल
करीब 48 घंटे लगा कर उसने पूरी लाश ठिकाने लगा दी। उसने बताया कि उसने अपनी पत्नी माधवी की लाश पास के ही चांदना लेक में फेंकी है। अब उसके बताने पर पहले गुरुमूर्ति के घर पहुंची और फिर चांदना लेक में गोताखोरों की मदद से लाश के टुकड़ों की तलाशी चालू की गई। मगर पुलिस को तब निराशा हाथ लगी, जब उसे घर में माधवी की लाश को ठिकाने लगाए जाने का कोई सबूत मिला ही नहीं। पुलिस हैरान थी कि अगर किसी ने एक इंसान की लाश के टुकड़े किए, उसे पकाया, हड्डियों को पीसा और तमाम हरकतें की, तो कुछ ना कुछ तो घर में मिलना चाहिए था। कोई अनदेखा खून का धब्बा तो कहीं होना चाहिए था। लेकिन यहां गुरुमूर्ति के घर में कुछ भी नहीं था।
पत्नी को मार कर मछलियों को खिला दिया
और तो और पुलिस घर के पास वाले चांदना लेक में भी माधवी की लाश का कोई भी टुकड़ा नहीं मिला। हालांकि अब पुलिस को शक हो रहा था कि शायद लेक में पका-पका कर डाले गए लाश के टुकड़ों को मछलियों ने चट कर लिया है।
माधवी सीसीटीवी में आती हुई दिखी पर जाती हुई नहीं
इस तरह कोई सबूत नहीं मिलने पर पुलिस को लगने कहा कि शायद गुरुमूर्ति लाश ठिकाने लगाने को लेकर झूठ बोल रहा है। लेकिन गुरुमूर्ति अपनी बात पर अड़ा रहा। अब पुलिस ने सीसीटीवी के सहारे माधवी का पता लगाने का फैसला किया। पुलिस ने देखा कि अपनी गुमशुदगी के दिनों में वाकई माधवी एक बार बाहर से अपने घर के अंदर आती हुई दिख रही थी, लेकिन उसका घर से बाहर निकलने का कोई भी फुटेज नहीं था। ये इस बात का सबूत था कि माधवी अपने घर से ही गायब हो गई। अब जाहिर है कोई जीता-जागता इंसान तो अपने घर से यूं गायब नहीं हो सकता। इसके पीछे गुरुमूर्ति ही था, जिसने कत्ल के बाद माधवी की लाश ठिकाने लगा दी थी।
कोल्ड ब्लडेड मर्डर – पूरी प्लानिंग से ली जान
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। क़ातिल अपना जुर्म खुद कबूल रहा है। लेकिन हैदराबाद पुलिस को कत्ल के सबूत ढूंढे नहीं मिल रहे। अब पुलिस को फॉरेंसिक साइंस का सहारा है, जिसकी मदद से शायद वो आने वाले दिनों में इस वारदात का कोई सबूत जुटा सके। इस बीच पुलिस को पता चला है कि गुरुमूर्ति ने कोई झगड़े के बाद गुस्से में माधवी की जान नहीं ली। बल्कि पूरी प्लानिंग से उसने माधवी की हत्या की थी। क्योंकि उसे शक था कि माधवी का अपने ही किसी रिश्तेदार से नाजायज संबंध है। कत्ल से पहले उसने अपने बच्चों को अपनी बहन यानी उनकी बुआ के घर भेज दिया था।
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