
भोजन के दौरान मिलते हैं कैंसर के संकेत
Cancer disease – कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में सुनते ही अच्छे-अच्छों की हवा खराब हो जाती है। कई बार ऐसा होता कि इंसान को पता ही नहीं चलता और वो कैंसर का शिकार हो जाता है। जब तक डायग्नोसिस होता है, तब तक कैंसर फैल चुका होता है और फिर उस काबू पाना भी मुश्किल हो जाता है।
अब सवाल ये है कि क्या कैंसर को वक़्त रहते रोका जा सकता है? क्या कैंसर होने से पहले शरीर में इस बीमारी के कोई संकेत मिलते हैं, जिससे इसकी पहचान अर्ली स्टेज पर यानी पहले ही कर ली जाए? जिससे या तो इसे होने से पहले ही रोक लिया जाए या फिर वक़्त रहते इसका इलाज शुरू कर दिया जाए। तो मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो इन सवालों का जवाब ‘हां’ में है।
जानकार मानते हैं कि शरीर में कैंसर (Cancer disease) के लक्षण पहले से ही दिखाई देने लगते हैं। बस जरूरत इस बात की है कि इंसान उन संकेतों को देखे, पहचाने और वक्त रहते उसने निपटने की शुरुआत कर दे।
इंसान को भोजन करते वक्त कैंसर के कई संकेत मिलते हैं। अक्सर भोजन करते वक्त सीने में जलन, एसिड का बनना, नीचे से गैस का ऊपर की तरफ आना, कैंसर के संकेत हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में लोग इसे बदहज़मी से जुड़ा मामला मान कर इग्नोर करते हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।

भोजन और हाज़मे के साथ कैंसर का बहुत खास कनेक्शन है। कई बार इंसान को खाना हजम करने संबंधी दिक्कत बार-बार होती है और आगे चल कर ये पैंक्रियाटिक कैंसर की वजह बनती है। असल में पैंक्रियास पेट में मौजूद वो ग्रंथी है, जो खाना पचाने में मदद करती है। शरीर के लिए जरूरी इंसुलिन तैयार करती है। इसे हिंदी में अग्नाशय भी कहते हैं और पैंक्रियास का कैंसर अक्सर घातक साबित होता है।
अब आइए एक-एक प्वाइंट वाइज कुछ ऐसे संकतों को समझने की कोशिश करते हैं, जो हमें भोजन के दौरान मिलते हैं।
–भोजन निगलने में तकलीफ होना
अक्सर देखा गया है कि कैंसर से पहले इंसान को भोजन निगलने में दिक्कत होने लगती है। खाना कभी गले में, तो कभी सीने में अटकता हुआ सा महसूस होता है। कई लोगों को खाने के दौरान चोकिंग यानी सांस रुकने जैसी फीलिंग होने लगती है। धीरे-धीरे ये लक्षण बढ़ने लगते हैं। क्योंकि जैसे-जैसे कैंसर का प्रभाव शुरू होता है, भोजन की नली सिकुड़ती जाती है और खाना निगलने में परेशानी बढ़ती चली जाती है। इसके बाद जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है ये मुंह, जबड़े, सिर, गर्दन सबको प्रभावित करता चला जाता है। इसके बाद कई बार ट्यूमर पैदा हो जाता है और ये मुंह और आस-पास के पूरे इलाके पर, उसकी मांसपेशियों पर असर डालता है।
–लगातार बदहजमी की शिकायत
वैसे तो लगातार बदहजमी की शिकायत होना कैंसर का संकेत नहीं है। लेकिन जब बदहजमी की वजह से सीने और पेट में तेज जलन हो, बार-बार डकार आती रहे, गले और सीने में तकलीफ हो, तो फिर ये इसोफिगल कैंसर का संकेत हो सकता है। इसलिए ऐसी परेशानियों को अनदेखा करना ठीक नहीं है।
–उल्टी की शिकायत
वैसे तो उल्टी को अक्सर बदहजमी से ही जोड़ा जाता है। ये सही भी है। लेकिन कई बार ये देखा गया है कि पैंक्रायाटिक कैंसर, पेट के कैंसर यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर के मामले में भी लोगों को उल्टी होने लगती है। इसलिए अगर उल्टियां हों, तो डायग्नोसिस करवाने में देर नहीं करनी चाहिए।
–फौरन पेट का भरा-भरा महसूस करना
थोड़ा सा खाना खाया नहीं कि ऐसा लगे कि मानों बहुत खाना खा लिया, ये भी कैंसर का एक संकेत हो सकता है। अगर रोज ऐसा हो रहा है, तो सतर्क हो जाना चाहिए। इसे अफरा की शिकायत भी कहते हैं। पेट के कैंसर, ओवेरियन यानी गर्भाशय के कैंसर और पैंक्रियाटिक कैंसर का ये भी एक लक्षण हो सकता है।
–टॉयलेट जाने संबंधी दिक्कत
कई लोगों को टॉयलेट जाने संबंधी दिक्कतें होती हैं। अक्सर देखा गया है कि पैंक्रियाटिक कैंसर या फिर पेट के कैंसर में लोगों को कब्ज, डायरिया, मल त्याग में अनियमितता और भोजन के तुरंत बाद टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है। ये संकेत भी एक खतरे की घंटी है।
अब सवाल ये है कि अगर ये संकेत मिल रहे हैं, तो क्या करें? सबसे पहले तो किसी डॉक्टर से मिलें। टेस्ट करवाएं। चेक करें कि बीमारी की शुरुआत हुई है या नहीं। दूसरा ये कि जीवन शैली में बदलाव लाएं। सादा, फाइबरयुक्त भोजन करें। वक्त पर भोजन करें। जंक फूड से बचें। ऐसी लाइफस्टाइल अपनाएं, जो प्रकृति आश्रित हो। ना कि कुदरती नियम कानूनों के उल्टे चलने की कोशिश करें।