Black Warrant Netflix -जेल की अनदेखी दुनिया का सुलगता सच, देखने से पहले ये ज़रूर पढ़ें


नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुए ब्लैक वारंट ने अपनी एंट्री के साथ ही लोगों का ध्यान खींचना शुरू कर दिया है। ये सीरीज दरअसल सलाखों के पीछे आबाद उस अनजानी और अनदेखी दुनिया का एक आंखों देखा दस्तावेज़ है, जिससे आम लोग अंजान हैं। तिहाड़ जेल और उसके इर्द-गिर्द बुना गया ये ओटीटी ड्रामा तिहाड़ के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता की लिखी एक किताब से प्रेरित है। पत्रकार सुनेत्रा चौधरी के साथ गुप्ता ने तिहाड़ के ऊपर एक किताब लिखी है- Confessions of a Tihar Jailer, सात एपिसोड्स की ये सीरीज उसी किताब पर आधारित है।

Black Warrant Netflix -छाप छोड़ने वाले किरदार
जहान कपूर, राहुल भट्ट, अनुराग ठाकुर, परमवीर सिंह चीमा और सिद्धांत गुप्ता जैसे कलाकारों से सजे इस सीरीज का निर्देशन किया है विक्रमादित्य मोटवानी ने। तिहाड़ जैसे एक बड़े जेल में जहां एक से बढ़ कर एक खूंखार कैदी बंद हो, वहां नए उम्र के एक लड़के का काम पर ज्वाइन करना कोई आसान काम नहीं है। तिहाड़ के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने कभी उन्हीं मुश्किलों का सामना किया था। अब जहान कपूर ने सुनील गुप्ता के उसी शुरुआती कश्मकश से लेकर उनके एक सीनियर और तजुर्बेकार जेलर के तौर पर चीज़ों को देखने समझने की सलाहियत को स्क्रीन पर बखूबी उतारा है। यानी सुनील गुप्ता के रोल में जहान कपूर ने अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है।

Black Warrant Netflix -“तुम जानते हो मैं कौन हूं?”

बाकी कलाकारों की बात करें तो राहुल भट्ट और सिद्धांत गुप्ता ने भी अपनी छाप छोड़ी है। राहुल भट्ट डीएसपी राजेश तोमर की भूमिका में हैं, जिन्हें अपने मातहत अफसरों और कर्मचारियों का हित भी देखना होता है और जेल में काम करते हुए तमाम झमेले भी निपटाने होते हैं। इस सीरीज़ में सिद्धांत गुप्ता बिकिनी किलर के नाम से बदनाम कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज के रोल में हैं। चार्ल्स शोभराज का रियल लाइफ किरदार भी अपने-आप में किसी फिल्मी किरदार से कम नहीं है। ऐसे किसी किरदार को सचमुच ओटीटी के पर्दे पर जीना ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन सिद्धांत गुप्ता ने उस चुनौती पर जीत हासिल की है। एक भविष्यवाणी ये है कि ब्लैक वारंट के चाहने वाले चार्ल्स बने सिद्धांत के उस डायलॉग की कॉपी जरूर करने वाले हैं, जिसमें वो अपने अनोखे अंदाज़ में लोगों से पूछता है, “क्या तुम जानते हो मैं कौन हूं?”

अटकती और भटकती है सीरीज़

हालांकि ऐसा नहीं है कि इस सीरीज में कोई कमी नहीं है। कुछ एपिसोड्स में सीरीज थोड़ी थकी हुई सी नजर आती है। खास कर उन जगहों पर जहां निर्देशक ने जेल की जिंदगी के इर्द गिर्द उसके किरदारों की निजी जिंदगी को पर्दे पर उतारने की कोशिश की है। मगर, फिर भी जुर्म की काली दुनिया को जानने समझने और क्राइम थ्रिलर पसंद करने वाले दर्शकों के लिए ब्लैक वारंट एक अच्छा विजुअल डिलाइट यानी सुकून देने वाला सीरीज साबित हो सकता है।

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