Allahabad High Court : बच्ची के निजी अंगों को छूने, नाड़ा तोड़ने को भी रेप की कोशिश नहीं कह सकते.. Shocking..

Allahabad High Court – इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के साथ हुई ज्यादती को लेकर अब ऐसी बात कही है, जिसने हर किसी को सन्न कर दिया है। कोर्ट का ये कथन सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक की सुर्खियां बन रहा है। माननीय न्यायाधीश ने कहा है कि किसी नाबालिग लड़की यानी बच्ची का स्तन पकड़ना या उसके पाजामे के नाड़े को तोड़ना रेप की कोशिश का मामला नहीं बनता है। अलबत्ता ये यौन उत्पीड़न की कैटेगरी में आता है। यूपी के कासगंज के रहने वाले कुछ आरोपियों ने इस सिलसिले में कासगंज के पोक्सो कोर्ट के समन को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था। (Allahabad High Court)

जिस पर अपना फैसला देते हुए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने ये बात कही। उन्होंने पोक्सो कोर्ट को समन संबंधी अपने आदेश में सुधार करने का हुक्म दिया। असल में कासगंज के पटियाली पुलिस स्टेशन में आकाश, पवन और अशोक नाम के तीन लड़कों के खिलाफ रेप की कोशिश और पोक्सो एक्ट की कुछ धाराओं के तहत केस दर्ज है। जिन्हें कोर्ट ने मुकदमे के सिलसिले में तलब किया है।

Allahabad High Court – तीन लड़कों पर दहलाने वाला इल्जाम

इन तीन लड़कों पर इल्जाम है कि इन्होंने एक नाबालिग लड़की को अपने गांव के पास एक सुनसान पुलिया के नीचे खींच लिया। इस दौरान उसके निजी अंग खास कर स्तनों को गलत तरीके से छुआ और यहां तक कि उसके पायजामे का नाड़ा तक तोड़ दिया। वो तो लड़की की किस्मत अच्छी थी कि वहां के कुछ लोगों की नजर इन लड़कों पर पड़ गई और उन्हें लड़की को छोड़ कर भागना पड़ा। यकीनन मामला बेहद गंभीर है और लड़कों के खिलाफ इसी मामले में केस भी दर्ज हुआ है। लेकिन अब हाई कोर्ट ने नई व्यवस्था दी है।

इस खबर पर एक सोशल मीडिया पोस्ट देखें-

https://x.com/emo_ananya/status/

कर्नाटक में कुछ रोज़ पहले विदेशी लड़की से भी रेप की वारदात हुई-

https://newschronicles.in/karnataka-rape-case-

Allahabad High Court – निजी अंग छूना, नाड़ा तोड़ा भी रेप की कोशिश नहीं

हाई कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ रेप की कोशिश का नहीं बल्कि गंभीर यौन हमला और पोक्सो एक्ट की दूसरी धाराओं के तहत केस चलाया जाए। हाई कोर्ट का कहना है कि नाबालिग लड़की के निजी अंगों को छूना, कपड़े उतारने की कोशिश करना और सुनसान जगह पर खींचना, रेप की कोशिश नहीं है। जाहिर है, अदालत के इस कथन से लोग सकते में हैं।

खास कर उस दौर में जब जेंडर सेंसेटाइजेशन को लेकर इतनी चिंता है। आए दिन रेप और कत्ल की भयानक वारदातें होती हैं। लोग कानून को और सख्त बनाने की वकालत करते हैं, ऐसे में अगर इतनी गंभीर हरकत भी रेप की कोशिश की श्रेणी में न आए, तो हैरानी लाजिमी है।

आपको इस मामले में एनडीटीवी की ये खबर भी पढ़नी चाहिए-

https://www.ndtv.com/india-news/grabbing-breasts

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