Aligarh news: अलीगढ़ के ऐतिहासिक जाहरवीर मेले में हर साल हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार यहां एक असामान्य और मार्मिक घटना देखने को मिली। एक महिला मेले के बीच अचानक तेज प्रसव पीड़ा से गुज़रने लगी। असल में वो एक 40 फीट ऊंचे झूले पर थी, तभी उसे लेबर पेन की शुरुआत हो गई। मेले की भीड़ में उसकी चीख परेशान कर रही थी, लेकिन किसी को अंदाज़ा नहीं था कि पल भर में सब कुछ बदल जाएगा।
जिस महिला के साथ ये हादसा हुआ वो मानिकपुर गांव की रहने वाली है। शिवानी और उसके घर वालों ने जाहरवीर बाबा से बच्चे के लिए मन्नत भी मांगी थी। मन्नत पूरी भी हुई, लेकिन उसका दर्दनाक अंत हो गया। वाक्या 18 अगस्त की रात का है।
ऊंचे झूले पर प्रसव: हिम्मत, बेवकूफी या मजबूरी?
झूला पूरी रफ्तार से घूम रहा था, और वहाँ मौजूद लोग केवल तमाशा देख रहे थे। बिना किसी मेडिकल सपोर्ट के महिला ने झूले पर ही बच्चे को जन्म दिया। मगर मातृत्व की यह जंग जबरदस्त हिम्मत के साथ साथ बेबसी का भी प्रतीक बन गई। इस सिलसिले में आप अमर उजाला की खबर भी देख सकते हैं।
ऊंचे झूले पर जन्मे नवजात की दुखद विदाई
पल भर की खुशी अचानक गहरे मातम में बदल गई। आनन फानन में झूले को रोका गया और मां और नवजात को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। मगर अफसोस बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। लोग स्तब्ध हो गए। एक मां की कोख भरते ही खाली हो गई और उम्मीदों की मौत हो गई।
प्रेग्नेंसी में महिला इतने ऊंचे झूले पर क्यों गई?
हादसे के बाद मेले की व्यवस्थाओं पर सवाल उठे। सुरक्षा, मेडिकल सुविधा और महिला की सहायता की कमी को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई। हालांकि लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर इतने नाजुक मौके पर महिला इतने ऊंचे झूले पर गई ही क्यों?
यह कहानी सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि संवेदना और इंसानियत की कसौटी भी है। महिला की हिम्मत और उसकी पीड़ा ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। इस हादसे से हमें सबक लेना होगा कि भीड़ में संवेदनशीलता और मदद की तत्परता कितनी जरूरी है।
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
