Agra Murder – आगरा की रहने वाली फिजा शादीशुदा थी। फिर उसका एक लड़के से अफेयर चल रहा था। फिजा का प्रेमी नोएडा में रह कर काम-काज किया करता था। लेकिन दोनों में अक्सर बातें होती थी। जब भी लड़के को वक्त मिलता, वो मिलने के लिए फिजा के पास पहुंच जाता। उधर, फिजा के पति सेटी को अपनी बीवी की इस करतूत की भनक लग चुकी थी और वो फिजा पर पाबंदियां लगाया करता था। (Agra Murder)
लेकिन कहानी में असली मुसीबत तब आई, जब फिजा ने अपने पति से छुटकारा पाने के लिए उसके कत्ल के बारे में सोचना शुरू कर दिया। अब वो अपने प्रेमी भीमसेन पर दबाव बनाने लगी कि वो उसके पति सेटी को ठिकाने लगा दे। उसकी जान ले ले। फिजा की तरफ से लगातार बन रहे दबाव के चलते एक रोज भीमसेन नोएडा से आगरा लौटा।
Agra Murder – वो पति की हत्या करवाना चाहती थी, उसकी हत्या हो गई
तारीख थी 15 मार्च। उसने फिजा को गांव के बाहर सुनसान जगह पर मिलने के लिए बुलाया। यहां फिजा ने फिर से वही बात शुरू कर दी। वो अपने पति की तुरंत हत्या करवाना चाहती थी। इस बात को लेकर फिजा और उसके प्रेमी भीमसेन के बीच कहासुनी हो गई। गुस्से में फिजा ने भीमसेन की गला दबाने की कोशिश की। लेकिन जब भीमसेन को गुस्सा आया तो उसने चुन्नी से फिजा का गला घोंट दिया और मौके पर ही मारी गई।

कहां तो फिजा अपने पति को ठिकाने लगाना चाहती थी और कहां उसके प्रेमी ने उसे खुद ही ठिकाने लगा दिया। गुस्से-गुस्से में कत्ल तो गया, लेकिन अब असली चुनौती थी फिजा की लाश छुपाने और कत्ल के सबूत मिटाने की। भीमसेन देर तक लाश के पास बैठ कर इस मुसीबत से बाहर निकलने की तरकीब सोचता रहा। फिर उसे याद आया कि फिल्म दृश्यम में हीरो ने ऐसे ही जुर्म के सबूत मिटाए थे।
Agra Murder – लाश के पास बैठ कर पूरी दृश्यम फिल्म देख डाली
बस.. इसके बाद उसने अपनी प्रेमिका की लाश के पास बैठ कर फिर से दृश्यम फिल्म देख डाली। अब उसे आइडिया मिल चुका था। उसने रात होने का इंतजार किया और अंधेरे में फिजा की लाश को घसीट कर गांव के बाहर मौजूद अंधे कुएं तक ले गया और उसे कुएं में डाल दिया। लेकिन उसे पता था कि अब लाश सड़ने लगेगी और बदबू से किसी भी दिन फिजा की मौत और कत्ल में उसके शामिल होने की पोल खुल जाएगी।
इसलिए उसने लाश छुपाने को एक दूसरा हथकंडा अपना लिया। अब वो रोज रात के अंधेरे में कुएं के पास पहुंचता और उसमें बोरी में भर-भर कर मिट्टी डालता। हालांकि जब उसे लगा कि इससे भी उसका काम नहीं बनेगा, तब उसने मरे हुए जानवरों की लाशें इकट्ठी करनी शुरू कर दी। अब वो लाशों को रात के अंधेरे में कुएं में डालने लगा।
Agra Murder – सबूत मिटाने को ऐसे-ऐसे तिकड़म किए कि बस पूछिए मत
ताकि जब कुएं से बदबू आए तो लोगों को समझ में आ जाए कि अंदर पड़ी जानवरों की लाशों के सड़ने से ही ये बदबू आ रही है। वो काफी हद तक इस प्लान में कामयाब भी रहा। लेकिन उसकी पोल दूसरे तरीके से खुल गई। फिजा की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता ने दर्ज करवाई थी। फिजा के पिता को लगता था कि उसकी बेटी का कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि उसके दामाद सेटी ने किया है। गुमशुदगी के साथ ही फिजा का मोबाइल फोन भी ऑफ आ रहा था।
लेकिन इस बीच 8 अप्रैल को अचानक उसका मोबाइल फोन संभल में ऑन हुआ। पुलिस की टीम उस आदमी तक पहुंची, जिसने फोन ऑन किया था। जब उससे पूछा गया तो एकाएक फिजा के प्रेमी भीमसेन की पोल खुल गई। असल वो फोन ऑन करने वाले आदमी ने वो फोन भीमसेन से 300 रुपये में खरीदा था। उसने फोन पर ही भीमसेन की तस्वीर भी पुलिस को दिखा दी। बस फिर क्या था? अब असली कातिल भीमसेन शिकंजे में आ चुका था।
अमर उजाला ने भी इस सिलसिले में खबर प्रकाशित की है-
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/agra/
न्यूज क्रॉनिकल्स की ये खबर एक सबक है-
https://newschronicles.in/pune-tourist-video/
कहने की जरूरत नहीं है कि अगर उसने फोन को 300 रुपये में बेचने का लालच नहीं किया होता, तो शायद वो इतनी आसानी से नहीं पकड़ा जाता।
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