
Aadhaar card update: बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है। अभी हाल ही में यूआईडीएआई ने बताया था कि यदि बच्चा 7 साल का है, तो कार्ड में उसका बायोमेट्रिक अपडेट कराना जरूरी है, अब इस अपडेशन को और सरल बनाने की तैयारी है।
अब स्कूलों में ही हो जाएगा बायोमेट्रिक
दरअसल अब यूआइडीएआई एक ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है जहां माता-पिता की सहमति के साथ बच्चों का बायोमेट्रिक स्कूल परिसर में ही अपडेट कर दिया जाएगा। देश में लगभग 7 करोड़ से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिनकी आयु 5 वर्ष से ज्यादा है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराया है। इस चीज को ध्यान में रखते हुए यूआईडीएआई अब देशभर में स्कूलों के द्वारा ही बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट करने की सुविधा लेकर आ रहा है।
बायोमेट्रिक के लिए नई तकनीक
एक खबर के मुताबिक अगले 45 से 60 दिनों में यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगी। यह जानकारी यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने रविवार यानी 20 जुलाई को साझा की है। यूआईडीएआई अभी ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जहां माता-पिता की सहमति से बच्चों का बायोमेट्रिक स्कूल में ही अपडेट किया जाएगा, फिलहाल इस तकनीक की टेस्टिंग चल रही है और आने वाले 2 से 3 महीने में इस तकनीक को लागू किया जा सकता है।
बायोमेट्रिक अपडेट नहीं होने पर निष्क्रिय होगा आधार
नियम अनुसार 5 से 7 साल तक के बच्चों का बायोमैट्रिक अपडेट निशुल्क होता है। यानी इसके लिए कोई पैसे नहीं लिए जाते लेकिन यदि बच्चे की उम्र 7 साल से ज्यादा है तो ₹100 शुल्क देना होता है। अब यूआईडीएआई का कहना है कि यदि बायोमेट्रिक निर्धारित समय में अपडेट नहीं किया गया तो आधार नंबर को निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
जानिए क्यों जरूरी है बायोमेट्रिक
बायोमेट्रिक अपडेट करने से आधार कार्ड का इस्तेमाल सही तरीके से किया जा सकता है। सरकारी योजनाओं से लेकर स्कॉलरशिप तक सभी सेवाओं को सहजता से उपयोग में लाया जा सकता है। फिलहाल यूआईडीएआई इस योजना को 15 साल की आयु में होने वाले दूसरे बायोमैट्रिक अपडेट के लिए भी योजना बना रहा है।
सभी स्कूलों में भेजी जाएगी बायोमेट्रिक मशीन
यूआईडीएआई इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत हर जिले में बायोमेट्रिक मशीन भेजेगा जहां अलग-अलग स्कूलों में यह मशीन रोटेशन के आधार पर घूमेंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इस सुविधा का लाभ मिले और सभी बच्चे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें साथ ही उनकी पहचान से जुड़ी यह प्रक्रिया और आसान हो जाए।
(पलक गुप्ता का इनपुट)