
Air India Pakistan Crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट के हादसे की जांच अभी भी चल रही है। हादसे की सही सही वजहों का अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है। मगर अब इस जांच में वो एंगल भी शामिल हो चुका है, जो सबसे खतरनाक है। और वो एंगल है साजिश का। सवाल है कि क्या इस हवाई जहाज को किसी साजिश के तहत जानबूझ कर नीचे गिरा दिया गया? क्या इसके लिए सिग्नलिंग सिस्टम से कोई घातक छेड़छाड़ की गई?
क्या सिग्नल में छेड़छाड़ करके कराया गया हादसा?
ये सवाल अब इसलिए सामने आए हैं क्योंकि सिग्नल से छेड़छाड़ के कई खतरनाक मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। असल में जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं से हाल ही में कई फ्लाइट के मूवमेंट को डिस्टर्ब किया गया है। जीपीएस स्पूफिंग वो हरकत है, जिसके तहत किसी फ्लाइट के नेविगेशन सिस्टम को ही बिगाड़ दिया जाता है और इसके लिए प्लेन के सिग्नल में छेड़छाड़ होती है। ये एक तरह का साइबर अटैक है।
जीपीएस स्पूफिंग की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं
ऐसे हमलों से प्लेन का हादसे का शिकार होना भी मुमकिन है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2023 से 2024 के बीच दुनिया भर में जीपीआरएस स्पूफिंग की घटनाएं 500 फीसदी तक बढ़ गई हैं। इसके तहत सिग्नल जाम करने के केसेज में भी 175 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल भी दुनिया भर में 4 लाख से ज्यादा बार सिग्नल जाम किए जाने के मामले सामने आए हैं, जो कि खतरनाक है।
आजतक ने इस सिलसिले में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें उन्होंने सिविल एविएशन मिनिस्टर मुरलीधर मोहोल के हवाले से ये कन्फर्म किया है कि अहमदाबाद हादसे की जांच में साजिश वाला पहलू भी शामिल है।
https://www.aajtak.in/india/news/
तरह तरह से चोट पहुंचाने की कोशिश है जारी
दुनिया में अलग अलग फ्रंट पर जंग के दौरान ऐसे हमलों से एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती रही है। इसके अलावा क्रिडेंशियल चुरा लेना, गैरकानूनी तरीके से सिस्टम से छेड़छाड़ या दूसरे किस्म के साइबर हमले भी हो रहे हैं। ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि कहीं अहमदाबाद वाले प्लेन को भी तो ऐसी किसी साजिश का शिकार नहीं होना पड़ा? जिसके चलते ये एक्सीडेंट हो गया? यानी ऐसा तो नहीं कि किसी ने साजिशन इसे अंजाम दिया? जांच जारी है।