Hamirpur News: सरकारी लालफीताशाही और पुलिस वालों के लकीर का फकीर बने रहने की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी कि यूपी के हमीरपुर में पुलिस वालों ने बैरिकेडिंग के बावजूद विधायक की कार को तो नियम तोड़ कर आगे जाने दिया लेकिन एक मजदूर को मां का शव लेकर जा रहे एंबुलेंस का रास्ता रोक लिया।
इस झकझोरने वाली वारदात की तस्वीरें अब सामने आई हैं। जिसके बाद लोग हमीरपुर पुलिस की कार्यशैली पर लानतें भेज रहे हैं।
MLA की कार के लिए कोई नियम नहीं
असल में कानपुर सागर हाई वे पर यमुना नदी पर पुल की रिपेयरिंग का काम शुरू किया गया है। जिसके चलते पुल पर बैरिकेडिंग करके गाड़ियों का आना जाना रोक दिया गया है। लेकिन कमाल ये रहा कि सुबह पौने 7 बजे जब लोकल एमएलए मनोज प्रजापति यहां से गुजरे तो उनके लिए पुलिस वालों ने बैरिकेडिंग हटा दी।
यानी नियम तोड़ दी। लेकिन जब सुबह साढ़े 9 बजे एक मजदूर की मां के शव को लेकर एम्बुलेंस ने यहां से जाने की इजाजत मांगी तो वही पुलिस वाले कानून के सबसे बड़े पहरेदार बन गए।
मजदूर की मां के शव के लिए सारा नियम
मजदूर और एम्बुलेंस का ड्राइवर आरजू मिन्नत करता रहा। लेकिन पुलिस वालों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने शव लेकर जा रहे एंबुलेंस को किसी भी कीमत पर पुल से जाने नहीं दिया। हार कर मजदूर और एम्बुलेंस कर्मियों ने स्ट्रेचर पर मजदूर की मां के शव को लेकर 1 किलोमीटर तक पैदल ही चल कर पुल पार किया।
हालांकि मामला बढ़ने पर एमएलए ने कहा कि सुबह जब उनकी कार पुल के ऊपर से निकली तो वो कार में नहीं थे। यानी बिना एमएलए के भी उनकी कार जा सकती है मगर गरीब की मां के शव के साथ एम्बुलेंस भी नहीं जा सकता। ये वाकई हद है।
