Nicholas Pooran – जिस निकोलस पूरन ने हाल ही में खत्म हुए IPL 2025 में सबसे ज्यादा छक्के जड़ कर ये दिखा दिया कि इस वक्त उनकी पावर हिटिंग का इस दुनिया में कोई जवाब नहीं, आईपीएल से वापस लौटते ही उसी निकोलस पूरन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। अब सवाल ये है कि महज 29 साल की उम्र में, जब बहुत से खिलाड़ियों का करियर शबाब पर पहुंच रहा होता है, उसी उम्र में निकोलस ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा क्यों कह दिया?
इंस्टा पोस्ट में निकोलस पूरन ने उढ़ेले दिल के जज्बात
तो इस आर्टिकल में आपको उस सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। ये बताएंगे कि निकोलस के इस बड़े फैसले की वजह क्या रही। लेकिन आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिर निकोलस पूरन ने संन्यास लेते वक्त क्या कहा? निकोलस ने एक लंबा चौड़ा इंस्टाग्राम पोस्ट लिख कर अपने सन्यास का ऐलान किया और इस पोस्ट में उन्होंने अपने सारे जज्बात उढ़े दिए। निकोलस ने लिखा-
“ये मेरे लिए काफी मुश्किल था। मैंने काफी सोच विचार कर ये फैसला लिया। आप सभी को मेरा प्यार। काफी सोचने विचारने के बाद मैंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने का फैसला किया है। इस खेल ने मुझे बहुत सी खुशियां दी हैं और आगे भी ये खेल वैसी की खुशी, अविस्मरणीय यादें और वेस्ट इंडीज का प्रतिनिधित्व करने का मौका मुझे देता रहेगा। मेरून जर्सी पहनना, राष्ट्रगान के मौके पर खड़ा होना और मैदान में जाते ही अपना सबकुछ झोंक देना, मेरे लिए उन पलों का शब्दों में जिक्र करना मुश्किल है।”
शानदार रहा है निकोलस पूरन का टी-20 और वन डे करियर
अगर निकोलस पूरन के रिकॉर्ड की बात करें, तो उन्होंने अपने देश के लिए 61 वन और 106 टी-20 मैचेज खेले। कुछ टी-20 मैचों में उन्होंने वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी भी की। हालांकि कप्तानी की इस पारी में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे और उन्हें जल्द ही उस जिम्मेदारी से हटा दिया गया। वन डे में उनके कुल रन 1983 जबकि टी-20 में 2275 रहे। निकोलस ने बेशक कभी टेस्ट मैच ना खेला हो, लेकिन क्रिकेट के सिर्फ दो फॉर्मेट्स के जरिए ही उन्होंने अपनी काबिलियत की जबरदस्त छाप छोड़ी।
अपने सीनियर खिलाड़ियों के नक्शे कदम पर चल निकले पूरन
अब सबसे बड़ा सवाल ये कि अगर सबकुछ इतना ही अच्छा है, तो फिर निकोलस पूरन ने इतनी कम उम्र में अचानक सन्यास क्यों ले लिया? तो इसका जवाब जानने के लिए आपको वेस्टइंडीज क्रिकेट के इतिहास पर एक निगाह डालना होगा। वेस्टइंडीज में निकोलस ऐसे अकेले क्रिकेटर नहीं हैं, जिन्होंने जल्दी सन्यास लिया हो। बल्कि इससे पहले भी क्रिकेट के कई बड़े नामों में इंटरनेशनल क्रिकेट से जल्दी सन्यास ले लिया और दुनिया भर में घूम-घूम कर टी-20 इवेंट खेलते रहे। गेल, ब्रावो, रसेल, नरेन ऐसे कुछ नाम हैं। समझा जाता है कि अब पूरन भी उन्हीं के नक्शे कदम पर हैं।
निकोलस पूरन और हेनरिक क्लासेन के रिटायरमेंट पर मनी कंट्रोल की रिपोर्ट देखें-
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बोर्ड से पंगा और इंटरनेशनल लीग का मौका.. शायद यही..
खास बात ये है कि पहले कई खिलाड़ियों की तरह वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ भी पूरन के कुछ पंगे रहे हैं। खास कर उनके सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर वहां के बोर्ड से तनातनी चलती रही है। ऐसे में पूरन भी अब उन खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं, समझा जाता है जिन्होंने वेस्टइंडीज बोर्ड से अनबन के चलते अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से तौबा कर ली है। पूरन इस वक्त दुनिया के जबरा टी-20 बैटर में से एक हैं। ऐसे में उन्होंने अलग-अलग क्रिकेट लीग्स में फिलहाल खेलने का मौका मिलता रहेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है।
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