12 Habits To Get Respect- इज्जत, मान-सम्मान ऐसी चीज है, जो हर किसी को पसंद होती है। लेकिन ये चीज हासिल करना इतना आसान भी नहीं है। वो कहते हैं ना कि इज्जत मांगने से नहीं मिलती, कमानी पड़ती है। पर सवाल ये है कि आखिर इंसान इज्जत कमाता कैसे है? तो आइए आज आपको वो 12 ट्रिक बताते हैं, जिसे अपने जीवन में अपनाते ही सारे लोग आपको इज्जत की निगाहों से देखने लगेंगे। सम्मान भी भरपूर मिलेगा। (12 Habits To Get Respect)
Habit Number-1
जुबान की कीमत समझें
आपने सुना होगा.. रघुकूल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए। जाहिर है इस बात का मतलब भी आप समझते होंगे। या तो आप किसी से वादा न करें। खास कर जब आप बहुत दुखी हों या बहुत खुश हों, तब तो वादा बिल्कुल ना करें, क्योंकि आम तौर पर आदमी इन दोनों ही स्थितियों में जज्बाती यानी इमोशनल होता है और ऐसे में कई बार वो ऐसे वादे भी कर जाता है, जो शायद उसे नहीं करने चाहिए। अक्सर बाद में उन वादों को निभाना मुश्किल होने लगता है। लेकिन आपने कभी किसी आदमी से कोई वादा कर दिया या किसी बात पर जुबान दे दी, तो उसे निभाने की भरसक कोशिश करें। चाहे वो छोटी से छोटी बात ही क्यों ना हो। अगर आपको ऐसा लगे कि ये वादा निभाना मुश्किल है या फिर आप अपनी बात पर टिके रहें या न रहें, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता, कोशिश कीजिए कि तब भी आप अपना वादा जरूर पूरा करें।
Habit Number-2
वक्त से पहले पहुंचें
आपने अक्सर लोगों को सुना होगा कि इंसान को वक्त का पाबंद होना चाहिए। यहां ट्रिक उससे भी दो कदम आगे की है। अगर आपको इज्जत चाहिए तो आपको पाबंद नहीं, बल्कि पाबंद से भी पांच मिनट आगे होना चाहिए। यानी अगर आपको कहीं पहुंचना है, तो वक्त से थोड़ा पहले ही पहुंचे। इससे सामने वाले व्यक्ति को ये लगेगा कि आपकी नजरों में उसकी भी कोई अहमियत है। कई बार लोग खुद से ओहदे या उम्र में कम लोगों को हल्के में लेते हैं और वक्त पर पहुंचना तो दूर, लेट हो जाते हैं या उसके पास पहुंचते ही नहीं हैं। ऐसे में प्रतिष्ठा धुमिल होती है। अगर आप वक्त से पहले किसी के पास पहुंचेंगे, तो उसे लगेगा कि आपकी नजर में उसकी कोई वैल्यू है, तभी आप उसके पास वक्त से पहले पहुंचे हैं।
Habit Number-3
गलती करें तो जिम्मेदारी लें
कहते हैं इंसान गलतियों का पुतला होता है। आप कोई काम करेंगे, तो गलतियां भी जरूर होंगी। दिक्कत तब होती है, जब गलतियों की भरपाई से बचने के लिए आप बहाने बनाने लगते हैं। इसलिए कोशिश कीजिए अगर काम करते हुए कभी कोई गलती हो जाए, तो उसे स्वीकार करें और जिम्मेदारी लें। ना कि उससे बचने के लिए बहानेबाजी करने लगें या फिर अपनी गलती दूसरे के सिर मढ़ने लगें। इससे देर-सवेर पोल खुल ही जाती है और इंसान की छवि खराब होती है।

Habit Number-4
पहले पूरी बात सुनें फिर उत्तर दें
पहले पूरी बात सुनें फिर उत्तर दें
कई लोग हमेशा जल्दबाजी में होते हैं। ये दूसरों से बात करते वक्त भी जल्दी करते हैं। सामने वाला शख्स जो बोल रहा है उसकी आधी अधूरी बात सुन कर बोल पड़ते हैं। जवाब देने की कोशिश करते हैं। ये सही नहीं है। आप में इतना धैर्य तो होना ही चाहिए कि आप कुछ देर तक सामने वाले की बातों को सुनें। उसे अपनी बात कहने दें और तब अपनी बात रखें। इससे संवाद भी स्पष्ट और सकारात्मक होता है, लोगों की नजर में आपकी इज्जत भी बढ़ती है।
Habit Number-5
ऑफिस में चुगलखोरी से बचें
दफ्तर में दूसरों के बारे में पीठ पीछे बातें करना एक बहुत बुरी और घातक बात है। वैसे तो पीठ पीछे क्या, सामने भी किसी की बुराई करना उचित नहीं है। अगर आपको किसी में कोई दिक्कत लगती है या कोई शिकायत है, तो आप उससे शांत माहौल में समझाते हुए बातचीत कर सकते हैं। दफ्तर में जब आप किसी की बुराई करते हैं, तो वो बातें किसी ना किसी जरिए से उस तक और बाकी लोगों को तक पहुंचती हैं। इससे आपकी छवि खराब होती है।
Habit Number-6
स्पष्ट बात करें
गोल-मोल और घुमा कर बातें करना एक अच्छी आदत नहीं है। अगर आप लोगों के बीच सम्मान पाना चाहते हैं, तो आपके दिमाग में जो कुछ चल रहा है उसे सही शब्दों में बयान करने का तरीका भी आपको आना चाहिए। सोच समझ कर शांति से अपनी बात रखें। किसी सवाल के जवाब में हो सकता है, देखा जाएगा, टाइप जवाब आपके व्यक्तित्व के कमजोर पहलू को दर्शाते हैं।
Habit Number-7
हमेशा हल ढूंढने की कोशिश करें, सिर्फ परेशानी न बताएं
कई लोग हमेशा नेगेटिव बातें करते हैं। सिर्फ समस्याओं का जिक्र करते हैं। उनके पास समस्याओं से निपटने या उससे पार पाने का कोई आइडिया नहीं होता। ऐसे लोग खुद को निराश होते ही हैं, दूसरों को भी निराश करते हैं। इसलिए समस्याओं से निपटने का आइडिया सर्च करें। सिर्फ समस्याओं का रोना कतई न रोएं।

Habit Number-8
हमेशा थोड़ा और कोशिश करें
आपसे जितना करने की अपेक्षा की जाती है, आपको हमेशा उससे कुछ ज्यादा करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आपके प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा। जब आप किसी के लिए कुछ अतिरिक्त करते हैं या फिर अपने काम भी कुछ ज्यादा एफर्ट करते हैं, तो आपके सीनियर उन बातों से प्रभावित होते हैं। आपके व्यक्तित्व को लेकर लोगों के दिमाग में अच्छी छवि बनती है।
Habit Number-9
दूसरों को भी ग्रो करने का अवसर दें
ये बात प्रोफेशनल लाइफ के लिए ज्यादा जरूरी है। कई लोग सिर्फ और सिर्फ अपनी तरक्की और विकास से मतलब रखते हैं। उन्हें दूसरों से कोई मतलब नहीं होता। ऐसे लोग अगर जीवन में आगे बढ़ भी जाएं, तो वो इज्जत नहीं कमा पाते, जितनी कमानी चाहिए। इसलिए जरूरी है कि अगर आप किसी टीम के साथ काम करते हैं, तो हमेशा अपनी टीम को साथ लेकर चलें। उन्हें आगे बढ़ने दें। उनकी तारीफ करें। रास्ता न काटें।
Habit Number-10
लोगों से ईमानदार राय लें
किसी से जब आप बात करते हैं, तो अपने लिए ईमानदार प्रतिक्रिया मांगे। इससे अगर आपमें कोई कमी होगी, तो उसमें आपको सुधार का अवसर मिलेगा। सिर्फ इस उम्मीद में किसी से बात ना करें कि बात करे सिर्फ तारीफ सुननी है। ऐसा करने से आप ऐसे ही चाटुकार किस्म के लोगों से घिरे रहेंगे। विकास को बाधित होगा ही, इज्जत भी नहीं मिलेगी।
Habit Number-11
जिज्ञासु बनें, फौरन राय न बनाएं
कुछ लोग फौरन दूसरों के बारे में राय कायम कर लेते हैं। और वो भी नकारात्मक। ये अच्छी बात नहीं है। आप किसी के बारे में भी कुछ नकारात्मक सोचने से पहले उसे थोड़ा समय दें। उसके बारे में थोड़ा और जानने समझने की कोशिश करें। अच्छा तो ये होता है कि आप जिज्ञासु बनें, चीजों को जानने की कोशिश करें। जजमेंटल ना बनें।
Habit Number-12
कठिन समय में शांत रहें
कठिन समय में शांत रहें
अक्सर मुश्किल घड़ी में लोग धैर्य का साथ छोड़ देते हैं। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। इसलिए अगर कोई मुसीबत आन पड़े। कोई आपका बुरा करे या फिर आपके धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश करें, तो खुद को संयम की भट्ठी में तपाने की कोशिश करें। फौरन रिएक्ट करके सिचुएशन को और बुरा ना करें। जब आप शांत रहेंगे, तो आपको सही फैसले लेने में भी मदद मिलेगी।
न्यूज क्रॉनिकल्स की ये खबर आपके फायदे की है-
वैसे तो ये पूरी जिंदगी भी सीखने के लिए कम है। हम हर रोज कुछ ना कुछ नया सीखते हैं। इसलिए जरूरी है कि अच्छी बातों को जीवन में उतारा जाए। सिर्फ पढ़ कर भूल जाने का कोई फायदा नहीं। ऊपर लिखे ये 12 प्वाइंट्स समझदार लोगों के तर्जुबे का नतीजा हैं। ये बातें अगर कोई भी अपनी जिंदगी में आत्मसात करता है, तो उसे फायदा होना तय है। अब पसंद आपकी है।
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