Harsha Richhariya – आपको हर्षा रिछारिया तो याद होंगी? अरे वही.. जिसे इस साल हुए महाकुंभ में लोगों ने सबसे खूबसूरत साध्वी के तमगे नवाज़ा था। ये और बात है कि हर्षा ने कभी खुद को साध्वी नहीं कहा। असल में हर्षा एक सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर हैं और अब हर्षा ने इस भयानक गर्मी में वृंदावन से लेकर संभल तक की पदयात्रा की शुरुआत की है। ऐसे मौसम में जब लोग और खास कर लड़कियां अपने स्किन टोन को लेकर चिंतित हो जाता है, हर्षा की इस कोशिश ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और अब उनकी पदयात्रा में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। (Harsha Richhariya)
Harsha Richhariya की हिंदू जागरण पदयात्रा में मुस्लिम लड़की अलीशा की मौजूदगी
लेकिन इन्हीं लोगों में एक नाम है मुस्लिम लड़की अलीशा खान का। वैसे तो अलीशा मुस्लिम हैं। लेकिन उन्होंने एक हिंदू नौजवान से शादी की है और हिंदू धर्म से काफी प्रभावित हैं। ऐसे में सोमवार को अलीशा भी हर्षा के साथ इस पदयात्रा में शामिल हुईं और कहा कि सनातन से अच्छा कोई धर्म नहीं। अलीशा हिजाब में जरूर थी, लेकिन उन्होंने अपने माथे पर तिलक भी लगा रखा था। दैनिक भास्कर ने अलीशा से जब ऐसे लिबास के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वो बेशक मुस्लिम हो, लेकिन सनातन धर्म से उनका लगाव सालों पुराना है। सनातन में लड़कियों को लक्ष्मी का दर्जा है।
हर्षा रिछारिया के कुंभ अपियरेंस पर न्यूज क्रॉनिकल्स की एक रिपोर्ट देखें-
https://newschronicles.in/mahakumbh-2025-%e0
हर्षा और अलीशा पर सोशल मीडिया में क्या चल रहा है-
https://x.com/PrimeNewsInd/status/
Harsha Richhariya ने कहा वो बस हिंदुओं को जगाना चाहती है.. किसी से कोई शिकवा नहीं
उधर, हर्षा गांव-गांव डगर-डगर पैदल चलती जा रही हैं। ये पूछने पर कि उनके इस पद यात्रा का मकसद क्या है? हर्षा जवाब देती हैं कि वो बस हिंदुओं को जगाना चाहती है। वो किसी के खिलाफ बुरा नहीं सोचती और ना बुरा चाहती है। वो बस हिंदुओं को एकत्रित करना चाहती है। हर्षा ने कहा कि उनकी पदयात्रा में सभी का स्वागत है। सोमवार को जब हर्षा ने वृंदावन से पदयात्रा की शुरुआत की, उनके साथ आम लोगों के अलावा साधु-संत भी मौजूद थे, जिन्होंने उन पर फूल बरसाए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस पदयात्रा में राम मंदिर के महंत श्री राम चंद्र दास भी उनके साथ चल रहे हैं।